पीएमओ ने एनएससी-लेवलीन मामले की जांच के आदेश दिए
औटवा। पिछले कई दिनों से एनएससी-लेवलीन की जांच के कारण उत्पन्न विवादों की समीक्षा के आदेश पीएमओ द्वारा जारी कर दिए गए हैं, ज्ञात हो कि केंद्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दल को इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं, जिससे यह पता लगाया जा सके कि इसमें त्रुटि सरकार की है या ये सब मिथ्या आरोप लगाए जा रहे हैं। आंतरिक सूत्रों के अनुसार सूचना अधिनियम के अंतर्गत यह समीक्षा की जाएंगी और इसके लिए एक विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई जाएंगी। ज्ञात हो कि पीएमओ सीधे तौर पर लोक सेवा व प्रापण कैनेडा से इस बारे में परामर्श कर चुका हैं यह वार्ता 2017 में की गई। इसके लिए पूर्व परिवर्तनों और वित्तीय घोटालों की जांच को शामिल किया गया था। परंतु पिछले दिनों उठे विवादों के पश्चात जगमीत सिंह ने लोगों को बताया कि लिबरलस सदैव ही घोटालों में फंसे रहे हैं, जिसके लिए सबसे नया उदाहरण एसएनसी-लैवलीन मामला हैं जिसके लिए पूर्व केंद्रीय अटॉर्नी जनरल जॉडी विलसन-रायबाउल्ड ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने उन पर दबाव बनाया कि वह अपनी रिपोर्ट में उन्हें पारदर्शी बताएं जिसके उपरांत पूरे कार्यालय पर शंका उत्पन्न हो रही हैं। जबकि इस टिप्पणी के पश्चात जॉडी को उनके पद से हटा दिया गया हैं और उन्हें ही इस मामले में दोषी करार दिया जा रहा हैं। इस पूरे प्रकरण से लिबरलस की छवि खराब हुई हैं और उन्हें आगामी केंद्रीय चुनावों में क्षतिपूर्ति के लिए एक अच्छे उम्मीदवार की बेहद आवश्यकता हैं जो पार्टी की नई योजनाओं के साथ साथ उनकी छवि सुधारने में भी मदद करें। उन्होंने अपने ऊपर लगे इन आरोपों से इन्कार किया कि उन्होंने एक प्रमुख कैनेडाई इंजीनियरिंग कंपनी के खिलाफ मुकदमा को लेकर देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल पर दबाव डाला था। प्रधान सचिव गेराल्ड बट्स, ट्रुडो के करीबी सलाहकार और विश्वविद्यालय के दिनों से ही उनके सबसे अच्छे दोस्त रहे हैं।
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