इकालूट में ट्रुडो ने मांगी माफी

– सूत्रों के अनुसार 20वीं सदी में सरकारी आंकड़ों की गलत जानकारी से हजारों टीबी के मरीज बिना ईलाज करवाएं ही अपना दम छोडने के लिए मजबूर हो गए थे।
औटवा। अपने चुनावी प्रचार के अंतर्गत प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो इकालूट पहुंचे, प्रधानमंत्री ने वहां आयोजित एक बैठक के दौरान सार्वजनिक रुप से माफी मांगने के लिए एक कार्यक्रम का भी आयोजन किया। ज्ञात हो कि गत 20वीं शताब्दी में कैनेडा की पूर्व केंद्र सरकार ने इस प्रांत की ओर अधिक ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण यह बहुत बड़ी मात्रा में टी.बी. की बीमारी फैल गई और हजारों लोग इसके चक्र में फंस गए। इसके बावजूद उस समय की केंद्र सरकार ने इसके नियंत्रण पर कोई कार्य नहीं किया अपितु सीमा के द्वार इन पीड़ित लोगों के लिए बंद कर दिए गए जिससे इस बीमारी ने महामारी का रुप धारण कर लिया और सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। प्रधानमंत्री ने अपने माफीनामा में माना कि यदि उस समय उचित कार्यवाही की जाती तो आज किसी को भी माफी मांगने की आवश्यकता ही नहीं पड़ती और सैकड़ों लोगों की जान को बचाया जा सकता था। ज्ञात हो कि वर्ष 1940 से 1960 के मध्य ही कैनेडा के दक्षिणी भाग ने टी.बी. का ईलाज ढूंढ लिया था और बहुत बड़े लोगों का इस बीमारी के अंतर्गत ईलाज होता था। परंतु उस समय किसी भी सरकार ने गरीब जनता को बचाने के लिए कोई भी सटीक उपाय नहीं किया इसके लिए आज प्रधानमंत्री समस्त प्रदेशवासियों से माफी मांग रहे हैं।
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