बाल कल्याण केंद्रों की आर्थिक सहायता ओंटेरियो सरकार ने की स्थगित 

– बाल कल्याण केंद्रों को मिलने वाले 50 मिलीयन डॉलर की आर्थिक सहायता ओंटेरियो ने रद्द की
– अभिभावकों को चुकानी पड़ती थी यह लागत
टोरंटो। ओंटेरियो सरकार ने अभिभावकों को एक बड़ी राहत देते हुए प्रांत के सभी बाल कल्याण केंद्रों को मिलने वाली आर्थिक सहायता में से 50 मिलीयन डॉलर के फंड को समाप्त करने की घोषणा कर दी हैं। ज्ञात हो कि यह लागत बाल कल्याण केंद्रों में श्रम लागतें बढ़ने के कारण अभिभावकों को वहन करना पड़ता, पिछली लिबरल सरकार के न्यूनतम मजदूरी बढ़ने के साथ ही इन केंद्रों में कार्य करने वाले कर्मचारियों का वेतन भी बढ़ाया जाता जिससे लगभग 50 मिलीयन डॉलर का अतिरिक्त फंड और अधिक जुटाने की कवायद आरंभ करनी पड़ती। यदि ये लागतें लागू की जाती तो एक अभिभावक जोड़े को अपने शिशु की देखभाल हेतु प्रतिमाह 72 डॉलर अतिरिक्त का खर्चा वहन करना पड़ता। ओंटेरियो कॉलेशन के अधिकारी कारोलयन फर्नस ने कहा कि बाल-कल्याण फीस को नियंत्रित करते हुए इस बढ़ोत्तरी को स्थगित किया गया हैं, जिसका दुष्प्रभाव प्रांत की आम जनता पर न पड़े, जिन्हें अपने बच्चों के भरण-पोषण के लिए और अधिक मेहनत करनी पड़ती। ज्ञात हो कि अभी प्रांत के अभिभावकों को अपने शिशुओं पर प्रतिवर्ष 20,000 डॉलर का खर्चा करना पड़ रहा हैं, या यूं कहें कि प्रतिमाह 2,000 डॉलर से अधिक खर्च वहन करना पड़ रहा हैं। उन्होंने यह भी बताया कि टोरंटो में बाल-कल्याण शुल्क सबसे अधिक हैं जिसकी व्याख्या उन्होंने आंकड़ों का उदाहरण देते हुए बताया कि मौजूदा समय में टोरंटो में एक बच्चे का औसत खर्च 1,685 डॉलर, जबकि इसकी तुलना में वैनकुअर में 1,400 डॉलर, कालग्रे में 1,100 डॉलर और मॉन्ट्रीयल में केवल 175 डॉलर हैं। जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता हैं कि टोरंटो में बाल-कल्याण के नाम पर बहुत अधिक शुल्क वसूला जा रहा हैं, जिस पर नियंत्रण करना अत्यंत आवश्यक था। गौरतलब हैं कि पिछली लिबरल सरकार ने न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने के साथ ही यह खर्चा और अधिक हो जाता, परंतु प्रोगरेसीव कंजरवेटिव सरकार के सूत्रों ने बताया कि उन्होंने इस प्रस्ताव को कुछ वर्षों के लिए स्थिर कर दिया हैं, जिससे इसका प्रभाव अन्य खर्चों पर नहीं पड़ेगा और लोगों के बजट पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ सकेगा। वहीं दूसरी ओर एनडीपी नेता एंड्रीया हॉरवथ ने कहा कि 50 मिलीयन डॉलर का अतिरिक्त खर्चा पहले से ही विरोध का कारण बन रहा था और इसे रोकने के लिए सरकार ने जो प्रयास किया उन्हें ऐसा करना एक अनिवार्यता थी, नहीं तो आम जनता में उनके प्रति और अधिक विरोध भावना पैदा हो जाती जो सरकार नहीं चाहती।
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