ग्रीन पार्टी के पाउल मैनली ने जीता बी.सी. उपचुनाव

– उपचुनाव के परिणामों ने स्पष्ट कर दिया कि आगामी चुनावों में लोग सत्ता परिवर्तन कर सकते हैं 
नानाएगमो, बी.सी। मतदाता कब अपना मन बदल लें यह कोई नहीं जानता, इसका सबसे अच्छा उदाहरण बी.सी. चुनावों के परिणाम देखकर लगाया जा सकता हैं। इन परिणामों में दिग्गज पार्टियों को पीछे छोड़ते हुए सबसे निम्न स्तर पर रहने वाली ग्रीन पार्टी ने बाजी मारकर सभी को चकित कर दिया। नानाएगमो के मतदाताओं ने इस बार ग्रीन पार्टी के पाउल मैनली को शासन का मौका दिया और उन्हें पूर्ण बहुमत देकर उपचुनावों में विजय हासिल करवाई। ज्ञात हो कि इस बार चुनावों में मैनली को सबसे अधिक 37.4 प्रतिशत मत मिलें, जबकि कंजरवेटिवस के उम्मीदवार जॉन हिरस्ट को कवेल 25 प्रतिशत पर ही संतोष करना पड़ा, वहीं दूसरी ओर एनडीपी को 23 प्रतिशत मतदान के साथ तीसरा स्थान मिला। परंतु सबसे अधिक लिबरलस को केवल 11 प्रतिशत मतदान से स्थिति सबसे अधिक बुरी बताई जा रही हैं, इन परिणामों से यह भी अंदाजा लगाया जा रहा हैं कि भविष्य में लोग लिबरलस को हटाने का मन बना चुके हैं और सत्ता परिवर्तन की पूर्ण संभावना जताई जा रही हैं, जानकारों का मानना हैं कि इस बार लोग बड़ी पार्टियों के स्थान पर छोटी पार्टियों पर अपना विश्वास जता रहे हैं। जिसके लिए दिग्गजों को कड़ी मेहनत की आवश्यकता हैं यदि वे अपनी पार्टी की छवि व स्वयं की साख को बचाना चाहते हैं तो अभी से जनता को लुभाने में लग जाएं। गौरतलब है कि इस बार ब्रिटीश कोलम्बिया की नानेएमो-लेडीस्मिथ सीट से संसद सदस्य की दौड़ में बहुत कड़ा मुकाबला होने की संभावना लग रही थी। आगामी अक्टूबर में होने वाले आम चुनावों पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता हैं, ग्रीन पार्टी को इन चुनावों में सफलता मिली, तो उसी के सत्ता में आने की संभावना प्रबल हो जाएंगी। इन उपचुनावों में कैनेडा की सभी प्रमुख पार्टियां भाग ले रही थी जिसमें से लिबरलस, कंजरवेटिवस, ग्रीनस, एनडीपी और पीपुल्स पार्टी शामिल हुई। विक्टोरिया की रॉयल रोड़स यूनिवर्सिटी के राजनीति विशेषज्ञ डेविड ब्लैक का कहना है कि इन उपचुनावों का प्रभाव आगामी आम चुनावों पर भी पड़ सकता हैं, सूत्रों के अनुसार आगामी 21 अक्टूबर को इस बार के चुनावों की तिथि सुनिश्चित की गई हैं। ज्ञात हो कि वर्ष 2015 में न्यू डेमोक्रेट की शीला मलकॉलमसन ने चुनाव जीता था, जिसके इस बार दोबारा आने की संभावना कम प्रतीत हो रही हैं। उन चुनावों में शीला को 33 प्रतिशत मत मिले थे जबकि लिबरलस और कंजरवेटिवस उम्मीदवारों को 23 प्रतिशत एवं ग्रीन उम्मीदवार को केवल 20 प्रतिशत पर ही संतोष करना पड़ा। एनडीपी उम्मीदवार बॉब चैमबरलीन को हराने वाले जॉन हिरस्ट ने पत्रकारों को बताया कि ये परिणाम लिबरलस के लिए चिंता उत्पन्न करने वाले साबित हुए, जिस पर पार्टी को विचार करना होगा, वैसे पीसी सरकार भी दूसरे नंबर पर रहीं परंतु स्थिति कुछ भी हो सकती हैं इसलिए उन्होंने मुख्य विपक्षी पार्टी बनना ही स्वीकार किया और कहा कि वे सदा प्रदेश के भले के लिए तत्पर रहेंगे।
You might also like

Comments are closed.