चीन के साथ विवाद के पश्चात कैनेडा अमेरिकी मदद के लिए तैयार : ग्रामीण मंत्री
औटवा। नोवा स्कोटिया के कैबीनेट मंत्री ने स्पष्ट कहा कि चीन के साथ विवाद के पश्चात केंद्र सरकार किसी भी अमेरिकी मदद लेने को तैयार हैं, ज्ञात हो कि पिछले दिनों चीन द्वारा कैनेडा के पॉर्क और कानोला पर प्रतिबंध लगा दिए जाने के पश्चात कैनेडियन किसानों के लिए आपदा की स्थिति पैदा हो गई हैं, इसके निवारण हेतु ग्रामीण आर्थिक विकास मंत्री बरनाडेटी जॉरडन ने अपने एक साक्षात्कार में स्पष्ट कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए सरकार अमेरिकी मदद ले सकती हैं और अपने उत्पादों को अमेरिका को बेच सकती हैं जिसके कारण देश के किसानों को हानि न हो और भविष्य में वह किस भी संकट में न फंसे। ज्ञात हो कि पिछले वर्ष से चीन के साथ कई मुद्दो पर कैनेडा के साथ विवादित स्थितियां उत्पन्न हुई हैं, वैसे गत दिनों प्रधानमंत्री ट्रुडो ने यह आश्वस्त किया था कि चीन के साथ पहले जैसे मधुर संबंध पुन: स्थापित होंगे और इसके लिए वार्ता भी की गई, परंतु एक के बाद एक विवादित कार्यों से दोनों देशों के मध्य दूरियां बढ़ती जा रही हैं, इन विवादों का प्रारंभ पिछले वर्ष वैनकुअर में हुवई की कार्यकारी अधिकारी की गिरफ्तारी से प्रारंभ हुआ, जिसके पश्चात चीन ने भी एक कैनेडियन निवासी को गिरफ्तार कर उसे सजा सुनाई, जबकि अभी पिछले दिनों एक अन्य कैनेडियनस को नशीले पदार्थों के अपराध में फांसी की सजा सुनाई गई, जिसे कैनेडा ने अनुचित न्याय बताया और अब कैनेडियन कानोला को नहीं लेने से देश की अर्थव्यवस्था को हानि पहुंचाना आदि से स्थितियां और अधिक गंभीर बन गई हैं। ज्ञात हो कि पिछले दिनों चीन द्वारा उनके उत्पादित सामग्रियों पर प्रतिबंध लगाने से उन्हें बहुत अधिक नुकसान हुआ हैं, जिसकी भरपाई हेतु सरकार उन्हें ऋण सुविधा मुहैया करवा रही है। सरकार के अनुसार प्रति किसान को यह ऋण उनके नुकसान के आंकलन पर दिया जाएगा जिसकी सीमा 1 मिलीयन डॉलर से 4 मिलीयन डॉलर तक हो सकती हैं, और यह ऋण पूर्ण रुप से ब्याज मुक्त होगा, जिससे वे अपने खराब हुई फसलों की भरपाई कर सके। कैनेडा द्वारा अमेरिकी दबाव बनाने की नीति कारगर हो सकती हैं क्योंकि इस मुद्दे को सार्वजनिक रुप से हल नहीं किया जा सकता इससे दोनों देशों के प्रवासी नागरिकों पर इसका बुरा असर पड़ेगा, वहीं अमेरिकी दबाव के कारण चीन अपने फैसलों में कुछ परिवर्तन कर सकता हैं। जिसके लिए उपाया किए जा रहे हैं, वैसे इस प्रकार उत्पादों में प्रतिबंध से चीनी अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ सकता हैं और संबंधित उत्पादन किसी अन्य देश से लेने पर चीन को अधिक आर्थिक दबाव की स्थिति से भी जूझना पड़ सकता हैं।
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