जी20 सम्मेलन में ट्रुडो का रुझान चीन में कैद दो कैनेडियन्स को छुड़वाने का रहेगा
– माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वार्ता करके चीन पर दबाव डलवा सकते हैं कि गैर-अधिकृत रुप से कैद किए कैनेडियनस को मुक्त किया जाएं।
औटवा। आज जापान पहुंचे प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने कई आशाएं लगाई जा रही हैं, जहां एक ओर वह कैनेडा के लिए नए व्यापारिक अवसर व प्रगति की सुदृढ़ योजनाओं पर कार्य करेंगे वहीं चीन में कैद कैनेडियनस को भी छुड़वाने का प्रयास कर सकते हैं। सूत्रों के अनुसार ट्रुडो चीन में कैद दोनों कैनेडियनस को छुड़वाने का भरपूर प्रयास करेंगे जिससे आगामी अक्टूबर में होने वाले चुनावों पर वह लोगों पर अपना प्रभाव डाल सके। ज्ञात हो कि माईकल कोवरीग और माईकल स्पावॉर नामक ये कैनेडियनस चीन में तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किए गए हैं, जिनकी जांच अभी तक चल रही है। इस बारे में चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा अधिक जानकारी भी प्रसारित नहीं की जा रही, जिससे मामला संशयपूर्ण लग रहा है। कैनेडा के अनुसार उनके द्वारा गिरफ्तार की गई हुवावेई अधिकारी को भी उन्होंने प्रत्यर्पण के अधिकार दिए थे, जिसके कारण वे अपने देश चली गई थी, परंतु चीन गिरफ्तार किए कैनेडियनस को इस प्रकार की सुविधा नहीं दे रहा हैं। इसके अलावा चीन ने अभी हाल ही में कैनेडियन मीट के आयात को भी बंद कर दिया हैं, जिसका कारण गुणवत्ता में कमी बताया जा रहा है। जिसके कारण प्रधानमंत्री ट्रुडो चाहते है कि चीन से बिगड़ते रिश्तों को संभालने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप मध्यस्थता करें और अमेरिका के कारण विवादों में फंसे कैनेडा का सहयोग करें, जिससे स्थितियोंं में सुधार हो सके। माना जा रहा है कि हुवई प्रमुख को कैनेडा में गिरफ्तार किए जाने के बदले में चीन ने कैनेडा के दो निर्दाेष नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया, जिसे छुड़वाने के लिए ट्रुडो अपना पूरा प्रयास करेंगे और अमेरिका के विदेश मंत्री पर जोर भी देंगे कि इस बारे में चीन के साथ चर्चा करें। कैनेडा में आगामी चुनावों के लिए प्रधानमंत्री ट्रुडो यहीं चाहेंगे कि इस चर्चा में वह कई ऐसे हल लेकर वापस लौटे जिससे कैनेडियनस उनकी प्रशंसा करें, पिछले वर्षों में अमेरिका और चीन के साथ कैनेडा के बिगड़े संबंधों का सबसे बुरा असर कैनेडा के व्यापार पर हुआ जिसके कारण कैनेडा की विकास की गति थम सी गई, जिसके प्रमुख कारणों में नाफ्टा डील में देरी, पिछले वर्ष के जी 7 सम्मेलन के पश्चात ट्रंप का ट्रुडो को बेईमान कहना, हुवई मुद्दा आदि। यदि ट्रुडो अमेरिका की बढ़ी व्यापारिक शुल्कों को कम करवाने में सफल होता है तो उसे कैनेडियनस के सामने एक बड़ी जीत मिलेगी। वहीं दूसरी ओर चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उनके अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रंप के बीच वार्ता से आपसी भरोसा बनाने और लंबित मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग षुआंग ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में वार्ता के विवरण नहीं दिए लेकिन उम्मीद जतायी कि जापान में जी-20 शिखर सम्मेलन में वार्ता से दोनों बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच मुद्दे सुलझाने में सहायता मिलेगी। तैयारियों के तहत अमेरिकी कारोबार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटीजर ने शीर्ष चीनी वार्ताकार उपप्रधानमंत्री ल्यू हे से सोमवार को फोन पर बातचीत की। गेंग ने कहा कि चीन समन्वय और सहयोग पर आधारित संबंधों के लिए अमेरिका के साथ काम करने को लेकर प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि इस बार जी-20 शिखर सम्मेलन में मुख्य रुप से रुस, चीन, तुर्की, इंडोनेशिया, ब्राजिल और दक्षिण कोरिया को भी शामिल किया गया हैं, इसलिए यह उम्मीद लगाई जा रही हैं कि यह वैश्विक सम्मेलन दुनिया की अर्थव्यवस्था को सुधारने में एक नई क्रांति लाएगा।
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