यदि ऐसे ही चलता रहा तो स्थिति बद से बदतर हो जाएगी : केन प्राईस
– डेनफोर्थ गोलीकांड में मारी गई लड़की के पिता केन प्राईस ने प्रांत में बढ़ती हिंसा का मुख्य कारण गन पॉलिसी में कठोरता नहीं होने को बताया
टोरंटो। पिछले वर्ष इन्हीं दिनों डेनफॉर्थ में एक मानसिक रोगी फैजल हुसैन ने भीड़ पर गोलियां बरसा दी थी, जिसमें तीन युवाओं की मृत्यु हो गई थी जबकि 13 से अधिक लोगों को गंभीर चोटें लगी थी। गत दिनों पुलिस प्रमुख मार्क सॉन्डरस ने इस घटना की विस्तृत रिपोर्ट सार्वजनिक की उसमें बताया गया कि घटना का मुख्य आरोपी फैजल हुसैन एक मानसिक रोगी था, जिसने अपने गुस्से के कारण भीड़ पर गोलियां चलाई और बाद में स्वयं को भी गोली मारकर जान दे दी। इस घटना में केन प्राईस की बेटी के अलावा उसकी 18 वर्षीय मित्र रीज फालन और एक 10 वर्षीय लड़की जुलीयाना कोजीस की भी मृत्यु हो गई थी। प्राईस ने इस जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि आरोपी हुसैन के पास हैंडगन कहां से और कैसे आई, जबकि वह एक मानसिक रोगी था, जिसके पास इस प्रकार का हथियार होना खतरे से खाली नहीं था। यह सब पुलिस प्रशासन की लचर सुरक्षा व्यवस्था को दर्शाता हैं, प्रांत में अभी तक गन पॉलिसी पर कोई भी कठोर नियम नहीं बने हैं जिसके कारण कोई भी व्यक्ति इन्हें आसानी से प्राप्त कर लेता हैं और किसी भी समय इसका दुर्प्रयोग कर लेता हैं। जांच में यह भी स्पष्ट कहा गया कि हुसैन ने यह हैनगन सासकेटचवान से कानूनी रुप से खरीदी थी, इससे यह बात स्पष्ट हो जाती हैं कि कोई भी हथियार बेचने वाली संस्था इस बात की जांच नहीं कर रही कि जो व्यक्ति हथियार खरीद रहा हैं वह इसके योग्य है भी कि नहीं, उन्हें बस बेचने से मतलब हैं। यदि यह सिस्टम इसी प्रकार चलता रहा तो स्थिति बद से बदतर हो जाएंगी और देश का कोई भी शहर सुरक्षित नहीं कहलाएंगा। उन्होंने आगे बताया कि घटना के पश्चात पुलिस ने 29 वर्षीय हुसैन के बारे में पूरी जानकारी निकाली और बताया कि वह अपने स्कूल समय से ही उग्र स्वभाव का था और आएं दिन इस प्रकार की छोटी-मोटी घटनाओं को अंजाम ेदेता रहता था, फिर भी उसे खुलेआम बंदूक खरीदने की अनुमति मिल गई जिसके पीछे अनुचित व्यवस्था की जांच होनी चाहिए और जल्द ही गन पॉलिसी को कठोर बनाना होगा नहीं तो प्रांत की सुरक्षा व्यवस्था और अधिक खराब हो जाएंगी। केन प्राईस ने कहा कि आज भी वह जब खाने की टेबल पर बैठते है तो अपनी बेटी को नहीं देखकर रो देते हैं, जो हमेशा खाने की टेबल पर सबसे बहुत बातचीत करती थी।
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