‘ऑबराय प्रत्येक कैनेडियन प्रवासी के सपने में अमर हैं’ : स्टीफन हार्पर

— सांसद दीपक ऑबराय की श्रद्धांजलि सभा में पूर्व प्रधानमंत्री समेत कई दिग्गजों ने याद किया उनके अतुलनीय कार्यों को
कालगे। पूर्व प्रधानमंत्री स्टीफन हार्पर ने सांसद दीपक ऑबराय की मृत्यु पर आयोजित शोक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज भी सभी प्रवासी कैनेडियनस के दिल में उनके लिए एक अलग स्थान हैं, राजनीति के उच्च पद को हासिल करके उन्होंने प्रवासियों के मन में एक विश्वास जगाया कि यदि मन में दृढ़ इच्छा हो तो किसी भी देश के नागरिक होने पर भी आपको कैनेडा की संसद में स्थान मिल सकता हैं। उनके अतुलनीय कार्यों के पश्चात ही स्थानीय लोगों का मन प्रवासी की ओर आकर्षित हुआ और साल-दर-साल लोगों ने उन्हें ही अपने नेता के रुप में चुना। समाज सेवा के प्रति उनकी भावना का प्रोगरेसीव कंजरवेटिवस पार्टी ने हमेशा सम्मान किया और इसलिए उन्हें मौका देकर प्रांत से सीट दी, जिसे उन्होंने सफलता के साथ प्राप्त की और कैनेडियन राजनीति में प्रवेश किया। परंतु केवल 69 वर्ष की आयु में इस प्रकार उनकी कैंसर से मौत का सभी को बहुत अधिक दु:ख हैं और देश व समाज उन्हें कभी नहीं भूल पाएगा। श्री ऑबराय के बारे में आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि दीपक ऑबराय का जन्म अवश्य तंजानिया में हुआ परंतु उनके अभिभावक पूर्णत: भारतीय थे। हार्पर ने यह भी माना कि दीपक दक्षिण एशियन समुदाय और कैनेडियनस समुदाय के मध्य एक कड़ी का काम कर रहे थे और आज दक्षिण एशिया के साथ कैनेडा के इतने अधिक मधुर संबंधों का श्रेय भी उनको देना गलत नहीं होगा। माननीय दीपक ऑबराय विदेश मंत्री के पार्लियामेंट सचिव के रुप में लंबे समय तक ईमानदारी के साथ कार्यरत रहे, जो कैनेडियन इतिहास में सदैव स्मरणीय रहेगा। इसके अलावा उन्होंने इंडो-कैनेडियन सांसद के रुप में भी अपनी उत्कृष्ट भूमिका निभाई। तंजानिया में जन्में श्री ऑबराय 1977 में कालग्रे में स्थाई रुप से रहने लगे थे, उनकी शिक्षा तीन महाद्वीपों में पूर्ण हुई थी। श्री ऑबराय अपने पीछे अपनी पत्नी नीना, बच्चों में प्रीति, काजल और अमान व ग्रैंड बच्चों में डेविन जैकॉब और इवाशा को छोड़ गए हैं।

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