दोबारा सत्ता प्राप्ति से लिबरल्स को होगा बड़ा वित्तीय घाटा : विशेषज्ञ

– नई कर नीति भी नहीं कर सकेगी सहायता
औटवा। रविवार को लिबरल प्रमुख जस्टीन ट्रुडो ने पार्टी का प्लेटफॉर्म जारी किया, जिसमें लोगों से नई कर नीति का वादा करते हुए बताया गया कि देश के मध्यम वर्ग को इस बार सत्ता में आने से होगा बहुत लाभ, इसके अलावा लिबरलस नए निवेशों में बिलीयनस का प्रस्ताव भी लाईगी जिससे देश में लाखों रोजगार का सृजन होगा और प्रगति की एक नई बयार बहेंगी। परंतु वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्लेटफॉर्म अभी के लिए तो सुखद हैं, परंतु अगले चार सालों में यह बहुत बड़ा घाटा साबित कर सकती हैं, यदि लिबरलस 21 अक्टूबर को पुन: निर्वाचित होते हैं तो अगले वर्ष ही लिबरलस देश को 27.4 बिलीयन डॉलर का घाटे का कारण बनेगी और अगले चार वर्षों में अतिरिक्त 21 बिलीयन डॉलर का घाटा अनिवार्य हैं। लेकिन टोरंटो के मिसिसॉगा परिसर में एक चुनावी सभा के दौरान ट्रुडो ने माना कि पार्टी का झुकाव पुराने टैक्सों की ओर हैं, परंतु उन्होंने यह भी कहा कि चालक विपक्ष उन्हें भ्रमित करने का प्रयास कर रहा हैं और वे लोग कंसरवेटिवस से कुछ अलग सोचते हैं। इस बार हमारा उद्देश्य मध्यम वर्ग का विकास हैं, जिससे अगले चार वर्षों में देश का सही मायनों में विकास हो सके। उन्होंने आगे कहा कि आगामी प्रस्तावों से लाखों नौकरियों का सृजन होगा और वे भी अधिक फुल टाईम जॉबस होगी, माना जा रहा है कि यदि लिबरलस प्रस्ताव सफल होते हैं तो देश में 900,000 लोगों को इससे लाभ होगा जिसमें 300,000 बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हें गरीबी स्तर से ऊपर उठाने में सरकार सहयोग करेगी। उन्होनें अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि कंसरवेटिवस का कटौती की योजनाओं से प्रांत व देश का विकास होगा यह मानना गलत हैं, इस प्रकार से देश की शासन व्यवस्था और अधिक बिग? सकती हैं, सबसे अधिक परेशानी गरीबों और मध्यम वर्ग को होगी। ट्रुडो का मानना है कि इस प्रकार से अचानक सेवाओं में कमी करके या अनुदानों की कटौती से मध्यम वर्ग का पूरा बजट अस्थिर हो जाएगा और एक बार व्यवस्था खराब होने से उसे सुचारु रुप से व्यवस्थित करने में बहुत अधिक समय लगेगा, जिससे परेशानियां और अधिक बढ़ जाएगी। परंतु लिबरलस प्रमुख की टिप्पणी का विरोध करते हुए कंसरवेटिव वित्त समीक्षक और औटवा सांसद पीयरे पॉयलेवरे ने कहा कि ट्रुडो ने अपने संबोधन में स्वयं माना है कि नई कर नीति और प्रस्तावों से लोगों पर थोड़ा कर्ज चढ़ेगा, इसका अर्थ है कि यदि लिबरलस दोबारा सत्ता में आती हैं तो अवश्य ही देश का घाटा और अधिक हो जाएगा, जो विकास को रोक देगा और देश को कर्ज में डूबो देगा। वहीं दूसरी ओर ब्रिटीश कोलम्बिया में एनडीपी प्रमुख जगमीत सिंह ने अपने चुनावी प्रचार में वादा किया कि यदि उनकी सरकार सत्ता में आती है तो वह अवश्य ही वेस्ट-कोस्ट के विकास के लिए 100 मिलीयन डॉलर का अनुदान जारी करेंगे, जिससे इस क्षेत्र के युवाओं के विकास हेतु कार्य किया जा सके। इस विकास के आधार पर युवाओं को अपराध की ओर रुख करने से रोका जा सकेगा और विकास की ओर अग्रसर किया जा सकेगा। लिबरलस के प्लेटफॉर्म की आलोचना करते हुए सिंह ने कहा कि इसमें नई निवेशों का तो बढ़ाचढ़ाकर उल्लेख हैं, परंतु धन आगम का कोई भी जिक्र नहीं इससे यह कैसे संभव हो सकेगा कि विकास के लिए धन कहां से अर्जित होगा और सरकार उसके लिए क्या करेंगी? इन योजनाओं से स्पष्ट प्रतीत होता है कि लिबरलस भविष्य में देश को और अधिक घाटे का बजट देने वाली हैं जिसका पूरा भार करदाताओं पर पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2015 में लिबरलस पार्टी सत्ता में आई तो उन्होंने वादा किया था कि वह 10 बिलीयन डॉलर के घाटे को संतुलित करने का प्रयास करेगी, परंतु इतने वर्ष के पश्चात अभी भी देश का घाटा उतना ही हैं, इसमें कोई प्रभाव नहीं हो सका हैं, जिसके लिए सरकार के विषय में जनता को पुन: विचार करना होगा।

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