विदेशी समर्थन के कारण लिबरल सरकार को मिल सकती हैं जीत : डिप्लोमेट्स
– दुनिया के कई राजदूत देश में चल रही लिबरलस और कंसरवेटिवस की चुनावी जंग पर नजर रखे हुए हैं और इस बात की जानकारी अपने विदेश मंत्रालय को दे रहे हैं जिससे भविष्य में उनके देश पर भी पड़ेगा प्रभाव।
टोरंटो। कई देशों के राजनैतिज्ञों की नजर इस बार कैनेडा के केंद्रीय चुनावों पर हैं, पल-पल की खबरों के साथ सभी को यही दुविधा है कि कंसरवेटिवस या लिबरलस किसका सत्ता शासन होगा। जानकारों की मानें तो विदेशों का समर्थन लिबरलस की ओर अधिक प्रतीत होता हैं, क्योंकि अपने कार्यकाल में प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने अनेक विदेश नीतियों को सुखद अंजाम दिए, जिससे उनकी लोकप्रियता अधिक रहीं। वर्ष 2015 की तुलना में ट्रुडो को इस बार अधिक विदेशी समर्थन मिलने की आशा जताई जा रही है। हर देश के चुनावों में राजनैतिज्ञों की भूमिका महत्वपूर्ण रहती हैं, इसलिए भी इनकी राय को गंभीरता से लिया जा रहा हैं, अन्य डिप्लोमेटस का मानना है कि कैनेडा की स्थिर होती अर्थव्यवस्था और विकास को देखते हुए इस बार भी लिबरलस को चुनना गलत नहीं होगा, इस समय देश में परिवर्तन की राजनीति सफल नहीं हो पाएंगी, बल्कि पिछली राजनीति के कारण देश को और अधिक मजबूत शासन मिल सकता हैं। डिप्लोमेटस का कहना है कि देश में प्रमुख रुप से दो पार्टियों के मध्य चुनावी जंग हैं जिसमें से किसकी सरकार बनेगी यह कहना जल्दबाजी होगी, दोनों पार्टियां बहुत अधिक मेहनत कर रही हैं, परंतु सफल विदेश नीतियों के साथ लिबरलस का पलड़ा अधिक हैं, जिसे अब समय ही बताएंगा। ट्रुडो ने भी अपने संबोधन में कहा कि अब दुनिया कैनेडा को अधिक पहचानने लगी हैं और अपने विकास कार्यों के लिए दुनिया में कैनेडा एक अलग पहचान बना रहा हैं, पिछले वर्षों में अपने मूल्यों पर टिके रहने और अमेरिका जैसे देशों के सामने भी नहीं झुकने के कारण देश की एक मजबूत छवि दुनिया के सामने आई हैं।
अन्य पार्टियों पर भी नजर :
ज्ञात हो कि इस बार अन्य क्षेत्रीय पार्टियों का दबदबा भी बना हुआ हैं, जो लिबरलस और कंसरवेटिवस के मतों पर प्रभाव डाल सकते हैं, इसलिए यह कहना अनुचित होगा कि केवल इस बार चुनावी जंग लिबरलस और कंसरवेटिवस के मध्य हैं, यदि अल्प सरकार बनती हैं तो गठजोड़ के लिए अन्य पार्टियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
Comments are closed.