अगले हफ्ते कैथोलिक, पब्लिक एलीमेंट्री टीचर्स करेंगे हड़ताल

– आगामी 20 और 21 जनवरी को राज्य के दो प्रमुख अध्यापक संघों ने की हड़ताल की घोषणा
टोरंटो। राज्य के दो प्रमुख अध्यापक संघों ने एक दिन आगे-पीछे हड़ताल की घोषणा से सरकार की नींद हराम कर दी हैं, इन संघों ने घोषणा करते हुए कहा कि सरकार के साथ कई बार असफल वार्ता के पश्चात अंतत: अध्यापक संघों ने एक दिवसीय पूर्ण हड़ताल की बात कही। यूनियन के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि हम हड़ताल करके छात्रों, अभिभावकों और संबंधित लोगों को तंग नहीं करना चाहते और इसलिए सरकारी वार्ता के सफल होने तक प्रत्येक सप्ताह केवल एक दिन ही हड़ताल की जाएंगी, जिससे पूर्व अध्यापकों द्वारा दी जानकारी में बताया गया कि श्रम कानूनों के अनुसार अपने वेतन में वृद्धि की चाह हर किसी व्यक्ति को होती हैं, जिसके लिए प्रयास आवश्यकता हैं। इसी श्रेणी में ओंटेरियो इंग्लिश कैथोलिक टीचर्स संघ (ओईसीटीए) के अध्यक्ष लिज स्टुआर्ट ने बताया कि सरकार द्वारा इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाने के कारण हमें मजबूरी में यह फैसला लेना होगा। हमने सरकार को लगभग एक सप्ताह का मौका दिया, जिसके पश्चात ही हमने यह निर्णय लिया कि शिक्षा प्रणाली को अधिक नुकसान नहीं पहुंचाते हुए, सरकार की नीतियों को विफल करना हैं। जिससे फोर्ड सरकार हमारी मांगों की ओर ध्यान दें और जल्द ही इस बारे में कोई समझौता भरा निर्णय सुनाएं। वहीं दूसरी ओर शिक्षामंत्री स्टीफन लीस ने माना कि अध्यापक यूनियनों की मांग सर्वथा अनुचित हैं। उन्होंने बताया कि पिछली वार्ता के पश्चात आगामी सत्र से अध्यापकों के वेतन में 1 प्रतिशत की वृद्धि और कक्षा आकारों में भी सुनिश्चित बढ़ोत्तरी के साथ साथ कम से कम दो लर्निंग ऑनलाईन प्रवधानों का प्रयोग आरंभ किया जाएं। परंतु अध्यापक यूनियन सरकार की इन मांगों पर एकजुट नहीं हो सके और इसलिए अधिक से अधिक अध्यापकों का कहना हैं कि वेतन वृद्धि उनके प्रतिशत के अनुसार ही होगी, उसके पश्चात ही अगला कोई निर्णय लिया जा सकेगा। शिक्षामंत्री ने बताया कि हमारी ओर से मध्यस्थता के दरवाजे खुले हैं और निश्चित समय के अंदर ही इस समस्या को हल करने का प्रयास किया जाएगा। फिलहाल ये यूनियन पांच घंटे के वर्क-टू-रुल कैम्पेन के अंतर्गत कार्य कर रहे हैं। यूनियन का कहना है कि बदलाव के नाम पर हमारा शोषण करने पर विचार किया जा रहा हैं, जिसे हम कतई भी लागू नहीं होने देंगे। ज्ञात हो कि नवम्बर माह से चली आ रही आपसी टकराव का नतीजा राज्य के विद्यार्थियों को झेलना पड़ रहा हैं।

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