तालिबान ने अफगान चुनाव को समय की बर्बादी बताया

काबुल। तालिबान सरगना मुल्ला उमर ने अफगानिस्तान में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को समय की बर्बादी बताया है। साथ ही कहा है कि तालिबान सत्ता में लौटना नहीं चाहता है। ईद से पहले इंटरनेट पर जारी संदेश में उसने यह बात कही है।
अफगानिस्तान में अगले साल पांच अप्रैल को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। राष्ट्रपति चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए पश्तून समुदाय की भागीदारी आवश्यक है क्योंकि इस समुदाय से तालिबान को सबसे यादा समर्थन मिलता है। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों का कहना है अगले साल के आखिर में नाटो नीत सेना की वापसी के लिहाज से अफगानिस्तान में होने वाले चुनाव उसके भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।
एक आंख से काने उमर ने कहा, 2014 में होने वाले चुनाव के नाम पर लोगों को धोखा दिया जा रहा है। हमारे लोग इसमें हिस्सा नहीं लेंगे। उम्मीदवार का चयन वास्तव में वाशिंगटन में होता है। इन चुनावों में हिस्सा लेना सिर्फ समय की बर्बादी है। पूर्व में हुए चुनाव के लिए तालिबान ने अफगानियों से मतदान का बहिष्कार करने के लिए कहा था। उसने अपने लड़ाकों को मतदान केंद्र की तरफ जाने वाली सडक़ों की नाकाबंदी करने का आदेश दिया था। साथ ही चुनाव में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवारों को निशाना बनाया था।
उमर ने 12 साल की लड़ाई के बाद शांति कायम होने की उम्मीद जताई है। उसने कहा, तालिबान सत्ता पर एकाधिकार के बारे में नहीं सोचता। हम इस्लामी सिद्धांतों पर आधारित समावेशी सरकार बनाने के लिए अफगानियों के साथ समझौते पर पहुंचने में विश्वास करते हैं। 1996 से 2001 तक अपने शासनकाल के दौरान तालिबान ने लड़कियों के स्कूल जाने, टीवी देखने, संगीत सुनने और सिनेमा जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।

 

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