रघुराम राजन को रिजर्व बैंक की कमान

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन भारतीय रिजर्व बैंक के अगले गवर्नर होंगे। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष [आइएमएफ] के अर्थशास्त्री होने के नाते साल 2008 की मंदी की भविष्यवाणी करने वाले राजन मौजूदा गवर्नर डी सुब्बाराव की जगह लेंगे। सुब्बाराव 4 सितंबर को अपने पद से रिटायर होंगे। आरबीआइ के 23वें गवर्नर के रूप में उनकी नियुक्ति ऐसे समय हुई है जब अर्थव्यवस्था रुपये की कीमत में तेज गिरावट, औद्योगिक उत्पादन में नरमी, महंगाई और अब तक के रिकॉर्ड चालू खाते के घाटे से जूझ रही है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को उनकी नियुक्ति को हरी झंडी दिखा दी। गवर्नर नियुक्त होने के बाद राजन ने माना कि अर्थव्यवस्था के लिहाज से यह बेहद चुनौती भरा वक्त है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की मौजूदा चुनौतियों का सामना रिजर्व बैंक [आरबीआइ] और सरकार मिलकर करेंगे। हालांकि, अपने पहले बयान में यह भी कह डाला, उनके पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, जिससे समस्याएं पलक झपकते दूर हो जाएं। मगर इसमें कोई शक नहीं है कि इन पर काबू पा लिया जाएगा।
रिजर्व बैंक 23 गवर्नर के तौर पर राजन की नियुक्ति तीन साल के लिए हुई है। उनका कार्यकाल सुब्बाराव की सेवानिवृत्ति के बाद उनके पांच सितंबर को पद ग्रहण करने के वक्त से शुरू होगा। राजन को पिछले साल अगस्त में ही वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया था।
राजन इससे पहले प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार भी रह चुके हैं। आइआइएम अहमदाबाद और आइआइटी दिल्ली के पूर्व छात्र राजन ने वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार के तौर पर कौशिक बसु का स्थान लिया था। अपने स्पष्ट और खुले विचारों के लिए विख्यात राजन ने 2005 में एक लेक्चर के दौरान वित्तीय क्षेत्र की गड़बडिय़ों की तरफ संकेत करते हुए ग्लोबल बाजारों के ढहने की चेतावनी दी थी। उनकी यह चेतावनी 2008 में सच साबित हुई।
रघुराम फिलहाल रायों का पिछड़ापन तय करने के मानकों का निर्धारण करने वाली कमेटी के अध्यक्ष भी हैं। कमेटी 15 अगस्त से पहले अपनी रिपोर्ट वित्त मंत्री को सौंप देगी। इससे पहले राजन वित्तीय क्षेत्र में सुधारों पर रिपोर्ट तैयार करने में भी अपना योगदान दे चुके हैं।

 

 

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