बढ़ते पाईपलाईन विरोध के कारण ट्रुडो ने रद्द की केरेबियन यात्रा
औटवा। प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो के कार्यालय द्वारा जारी रिपोर्ट में यह स्पष्ट कहा गया कि अगले सप्ताह प्रधानमंत्री की केरेबियन यात्रा को स्थगित कर दिया गया हैं और अब इस यात्रा पर केवल विदेश मंत्री फ्रान्सकोईस-फिलीप चैम्पेज जाएंगे। ज्ञात हो कि देश में बढ़ते पाईपलाईन विरोध को देखते हुए प्रधानमंत्री ने स्वयं इस विवाद को हल करने की बात को स्वीकार किया हैं, प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा मीडिया को दी जानकारी में बताया गया कि प्रधानमंत्री जल्द ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में अपनी सीट पक्की करवाने के लिए केरेबियन की यात्रा पर जाने वाले थे, परंतु वर्तमान में देश में चल रहे विरोध की समस्या सबसे बड़ी हैं और इसे हल करना अत्यंत आवश्यक हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री की आगे करने वाली कार्यवाही पर सभी मंत्रालयों ने पूरी नजर बना रखी हैं, इस समस्या के उचित हल के साथ साथ देश की सुरक्षा और सभी कैनेडियनस की अधिकारों का सम्मान रखना केंद्र सरकार का दायित्व हैं, जिसके लिए सरकार प्रयासरत हैं, पिछले दिनों इस विरोध के कारण बहुत अधिक मात्रा में रेल-यात्राओं को रद्द किया गया, जिसका सबसे अधिक प्रभाव आवा-गमन करने वाले नियमित यात्रियों पर पड़ रहा हैं। वहीं विपक्षी नेता एंड्रू शीयर का कहना है कि केंद्र सरकार ने इस मसले पर सरकार ने अभी तक कोई भी उचित कदम नहीं उठाया, जिसके लिए उन्हें जल्द ही उचित कार्यवाही करनी होगी। पिछले दिनों अत्यधिक रेलगाड़ियों को अपने गंतव्य जाने से रद्द करना पड़ा। जिसका प्रभाव न केवल इन रेलगाड़ियों में यात्रा करने वाले यात्रियों पर ही नहीं अपितु देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा हैं। शीयर ने माना कि केंद्र सरकार की उदासीनता के कारण ही यह समस्या बहुत अधिक बढ़ गई हैं और अब भी यदि इसे साधारण तौर पर लिया गया तो आगे चलकर यह सबसे समस्या भयावह रुप ले लेगा। वहीं सरकारी रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पिछले दस वर्षों से कैनेडा कैरेबियन क्षेत्रों पर अपना वर्चस्व स्थापित करने के लिए कार्य किया हैं। ज्ञात हो कि कैनेडा के साथ साथ नॉरवे और आयरलैंड व कई पश्चिमी यूरोपीयन देश इस दौड़ में शामिल हैं। ज्ञात हो कि वर्ष 2000 में कैनेडा ने संरा में अपनी सीट पक्की कर ली थी, परंतु वर्ष 2010 में स्टीफन हार्पर की कंसरवेटिवस सरकार के ठुलमुल रवैये के कारण कैनेडा में यह सीट गंवा दी थी।
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