टोरंटो में विश्व कवि सम्मेलन संपन्न
टोरंटो – विश्व हिन्दी समिति, टोरंटो का चतुर्थ वार्षिक अधिवेशन विश्व कवि सम्मेलन गत टोरंटो पब्लिक लाइब्रेरी की बारबरा फ्रम शाखा के सभागार में संपन्न हुआ। इस अवसर पर भारत से आए अखिल विश्व हिन्दी समिति के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दाऊजी गुप्त ने अध्यक्षता, सागर पंडित ने सह-अध्यक्षता, श्याम त्रिपाठी ने संचालन किया एवं आतिथेय थे गोपाल बघेल मधु। अंतरराष्ट्रीय हिन्दी समिति, न्यू जर्सी, संरा अमेरिका के रामबाबू गौतम व भारतीय कोंसलाबास के रणजीतसिंह विशिष्ट अतिथि थे।
सम्मेलन में 26 कवियों ने अपनी मार्मिक व मंत्रमुग्ध करने वाली रचनाएं सुनाकर श्रोताओं का हृदय तरंगित किया। प्रमुख कवि थे दाऊजी गुप्त, प्रेमसागर पंडित, रामबाबू गौतम, श्याम त्रिपाठी, भारतेंदु श्रीवास्तव, डॉ. देवेंद्र मिश्र, आचार्य संदीप त्यागी, सरन घई, गोपाल बघेल मधु, हरजिंदर सिंह भसीन, सुरेंद्र पाठक, पाराशर गौड़, स.स. सूरी, राज माहेश्वरी, ललित पश्रिचा, परिपूर्ण आनंद, योगेश मामगेन। प्रमुख कवयित्री थीं- श्यामा सिंह, सविता अग्रवाल, प्रमिला भार्गव, सुधा मिश्र, कृष्णा वर्मा, राज कश्यप, उषा बधवार, विनीता सेठ व डॉ. रेणुका शर्मा।
श्रोतागणों में प्रमुख थे सेवक सिंह, चन्द्रा सिंह, अशोक बधवार परिवार, नरेन्द्र सक्सेना, संजीव अग्रवाल, कमल आहूजा, सुधीरजी, एटीएन, आ. परिनिर्वाणानंदजी, श्याम त्रिपाठी, भारतेंदु श्रीवास्तव, प्रेमसागर कालिया, शिल्पा बधवार, प्रज्ञा बघेल, सेवक सिंह, प्रिया आहूजा, आशा मिश्र, सरन घई, टोरंटो पब्लिक लाइब्रेरी के सदस्य व प्रेक्षकगण।
आ. परिनिर्वाणानंदजी ने श्री श्री प्रभात रंजन सरकार द्वारा रचित 5018 प्रभात संगीत में से मुसाफिर आगे बढ़ते जाना नामक प्रभात संगीत प्रस्तुत कर आध्यात्मिक तरंग बिखेरी।
भारतीय कोंसलावास के रणजीत सिंह ने सभा को संबोधित किया व भारतीय सांस्कृतिक केंद्र की संस्थापना के विषय में बताया।
डॉ. दाऊजी गुप्त ने कैनेडा की अपनी 40 वर्ष पूर्व की यात्राओं की विस्तृत चर्चा कर हिन्दी के विकास व इतिहास का अनूठा दृश्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में हिन्दी साहित्य सभा, हिन्दी राइटर्स गिल्ड, विश्व हिन्दी संस्थान, हिन्दी प्रचारिणी सभा, अंतरराष्ट्रीय हिन्दी साहित्य समिति, भारत व संरा अमेरिका, नारायणी साहित्य सभा अकादमी भारत, अखिल विश्व हिन्दी समिति भारत व संरा अमेरिका आदि के सहयोग की हृदय से सराहना की गई।
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