कोविड-19 संकट में प्रधानमंत्री, शीयर व सांसदों सहित सभी ने अपने बढ़े हुए वेतन आपदा फंड में दान दिए

औटवा। कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए जहां एक ओर सरकारें और सभी देशवासी एकजुट होकर सामने आएं हैं वहीं प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो, कंसरवेटिव नेता एंड्रू शीयर के साथ-साथ सभी सांसदों ने महामारी से निपटने के लिए अपने बढ़े हुए वेतनों को आपदा प्रबंधन फंड में दान देने की घोषणा की हैं। इसके पश्चात केंद्र सरकार इस दुविधा में भी हैं कि 1 अप्रैल से लागू होने वाले कार्बन मूल्यों को लागू करें या नहीं। यदि प्रधानमंत्री इस बढ़ोत्तरी को स्थगित करते हैं तो आगामी भविष्य में उन्हें अपनी ही जलवायु परिवर्तन नीतियों को लागू करने में परेशानी होगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार इस प्रकार के बदलाव बिना संसद में चर्चा के लागू नहीं किये जा सकते। ज्ञात हो कि संसद का अगला सत्र 20 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया हैं और अगले सत्र के आरंभ होने के पश्चात ही सभी नए अध्यादेश पारित हो सकते हैं। गौरतलब है कि 2005 में पारित बिल के अनुसार प्रतिवर्ष सांसदों और सीनेटरों के वेतन में 2.1 प्रतिशत की वृद्धि की जाएं, जिसके पश्चात प्रतिवर्ष सांसदों और सीनेटरों का वेतन औसतन बढ़ने लगा, इसी प्रकार इस वर्ष भी बढ़ोत्तरी के पश्चात सांसदों का वेतन 3,750 डॉलर से 182,656 डॉलर तक हो गया, वहीं सीनेटरों का औसतन वेतन 25,000 डॉलर हैं जोकि सांसदों के वेतन से बहुत कम हैं। लेकिन वर्ष 2008 के गणितय अनुमान के पश्चात इस बिल में संशोधन किया गया और इसे प्रतिवर्ष के स्थान पर प्रति तीन वर्षों में बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया। प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने बताया कि इस बार सभी सांसदों व वरिष्ठ नेताओं का वेतन पूर्ववत रहेगा जिसके लिए सबसे बड़ा कारण कोविड-19 संकट हैं और इसके लिए सभी नेता यह प्रतिज्ञा करें कि वे अपना बढ़ा हुआ वेतन आपदा फंड में दान करें जिससे मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए और अधिक आर्थिक मदद मिल सके। इस कथन की अधिकारिक प्रमाणिकता 20 अप्रैल से आरंभ होने वाले संसद सत्र में होगा। प्रधानमंत्री की महिला प्रवक्ता ने बताया कि इस प्रकार के कार्यों से सभी गैर-लाभार्थी संस्थाओं को भी प्रोत्साहन मिलेगा। वहीं कंसरवेटिवस का मानना है कि संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार को अपनी नई कार्बन टैक्स नीति को तुरंत वापस लेना चाहिए, जिसे 1 अप्रैल से 20 डॉलर प्रति टन से बढ़ाकर 30 डॉलर प्रति टन कर दिया गया हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि अब से प्रत्येक टोरंटो वासी व संबंधित राज्यों की जनता को गैस पम्पों पर एक लीटर लेने पर दो सेंट अतिरिक्त खर्च करना होगा। यह नया कर अल्बर्टा, सासकेटचवान, मनीटोबा, ओंटेरियो, नूनावूट और युकॉन आदि में लागू कर दिया गया हैं। परंतु अभी सरकार ने इस बारे में कोई भी अधिकारिक टिप्पणी नहीं जारी की हैं। लेकिन सरकार का अभी भी यहीं मानना है कि प्रदूषण की लड़ाई में यह बढ़ोत्तरी को हमेशा कारगर साबित होगी।
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