बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान, पुंछ में चलाईं 7000 गोलियां
जम्मू, पांच भारतीय सैनिकों की हत्या के बाद सीमा पर बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तानी सैनिकों ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ में नियंत्रण रेखा पर स्थित भारतीय चौकियों पर शुक्रवार रात करीब सात घंटे तक मोर्टार और भारी हथियारों से 7000 गोलियां दागकर एक बार फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया।भारतीय सेना ने इसे हाल के समय में संघर्ष विराम का सबसे बड़ा उल्लंघन करार दिया है। इससे चार ही दिन पहले पाकिस्तानी सेना के विशेष सैन्य दल के हमले में पांच भारतीय जवान शहीद हुए थे। भारतीय सेना ने प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान किसी प्रकार के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ।
रक्षा विभाग के प्रवक्ता एसएन आचार्य ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तानी सेना ने कल रात करीब 10 बजकर 20 मिनट पर पुंछ सेक्टर के दुर्गा बटालियन इलाके में नियंत्रण रेखा पर स्थित कई भारतीय चौकियों पर अकारण गोलीबारी की। उन्होंने कहा कि उन्होंने तड़के करीब साढ़े चार बजे तक कई भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर मध्यम मोर्टार और भारी हथियार पिका से 7000 गोलियां दागीं ताकि भारी क्षति पहुंचाई जा सके।
उन्होंने बताया कि सीमा रेखा की रक्षा कर रहे भारतीय सैन्य बलों ने मोर्चा संभालते हुए प्रभावी ढंग से जवाबी कार्रवाई में और आईएनएसएएस रायफलों, केपीडब्ल्यूटी मशीन गनों और मीडियम मशीन गन (एमएमजी) से 4595 गोलियां दागने के अलावा 111 आरपीजी, 11 रॉकेट और 81 एमएम के 18 मोर्टार गोले दागे। उन्होंने बताया कि सीमा पार गोलीबारी में किसी प्रकार के जानमाल की हानि नहीं हुई है। सीमा रेखा पर तनाव बढ़ गया है।
छ शहर में गोलीबारी और मोर्टार धमाके की आवाजें सुनाई दीं और दोनों ओर से गोलीबारी होने के कारण इलाके के लोग दहशत में आ गए। गौरतलब है कि पाकिस्तानी सेना के नेतृत्व में 20 हथियारबंद लोगों के समूह ने छह अगस्त को पुंछ सेक्टर में भारत की सीमा में 450 मीटर तक प्रवेश करके घात लगाकर हमला किया था, जिसमें भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे।
नियंत्रण रेखा पर पिछले सप्ताह भारतीय जवानों की हत्या के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस घटना का असर भारत-पाकिस्तान वार्ता की बहाली पर भी दिख सकता है। भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के अगले माह न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा सम्मेलन के इतर मिलने की योजना है।
छ सेक्टर में पाकिस्तानी सैन्य बलों के आठ जनवरी को किए गए हमले के पश्चात दो भारतीय सैनिकों के शव मिलने के बाद वार्ता प्रक्रिया रोक दी गई थी। इनमें से एक सैनिक का सिर कटा हुआ था। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने इस जघन्य कृत्य के लिए पाकिस्तानी सेना को दोषी ठहराया था और चेतावनी भी दी थी कि गत मंगलवार को हुई घटना का असर नियंत्रण रेखा पर भारत के व्यवहार और पाकिस्तान के साथ संबंधों पर पड़ेगा।
उन्होंने कहा था कि अब यह स्पष्ट है कि पाकिस्तानी सेना के विशेष सैन्य दल इस हमले में शामिल थे। उन्होंने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए संसद में कहा था कि पुंछ सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सैनिकों पर किए गए जघन्य और अकारण हमले से हम सभी आहत हैं और स्वाभाविक रूप से इस घटना से नियंत्रण रेखा पर हमारे व्यवहार और पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों पर प्रभाव पड़ेगा।
एंटनी ने पाकिस्तान को संदेश देते हुए कहा था कि हमारे संयम को हल्के ढंग से नहीं लिया जाए और न ही सशस्त्र सेनाओं की क्षमता और नियंत्रण रेखा की गरिमा बनाए रखने के सरकार के संकल्प पर कभी संदेह किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा था कि इस त्रासदी और इससे पहले इस वर्ष के आरंभ में दो सैनिकों की निर्मम हत्या के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान में बैठे लोगों को सजा मिलनी ही चाहिए।
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