महामारी काल में छोटे व्यापारों को अधिक समय तक बचाना कठिन 

टोरंटो। वर्तमान स्थिति के दौरान राज्य के सैकड़ों छोटे व्यापारियों के साथ किए गए सर्वें में इस बात का स्पष्टीकरण किया गया कि यदि सरकार मौजूदा प्रतिबंधों में कोई छूट जल्द ही प्रस्तावित नहीं करती हैं या कोई वित्तीय राहत पैकेज की घोषणा नहीं करती हैं तो भविष्य में देश के छोटे उद्योग-धंधों को बचाना बहुत अधिक कठिन हो जाएंगा। इन व्यापारियों ने बताया कि अगले तीन माह के पश्चात ये अपने स्टोर या परिसरों का किराया जुटाने में ही पूर्ण रुप से असफल हो जाएंगे तो व्यापार कैसे करेंगे? कोविड-19 एक प्रकोप बनकर उनके व्यापार को भी खाएं जा रही हैं और धीरे-धीरे सभी प्रकार के छोटे व मझोले धंधे बंद होने की कगार तक पहुंचते जा रहे हैं। बोर्डव्यू-डैनफॉर्थ बिजनेस इम्प्रूवमेंट एरिया (बीआईए) नामक संस्था ने बताया कि हमारी संस्था में इस प्रकार के 561 लघु व्यापारी और 137 मकान मालिक शामिल हैं जो संबंधित व्यापार द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपना अतुलनीय सहयोग देते हैं।
इस सर्वे में केवल 17 प्रतिशत व्यापारियों का कहना था कि वे अगले माह तक का किराया उचित प्रकार से दे सकते हैं। जबकि 21 प्रतिशत का कहना है कि वे अगले दो माह तक और 32 प्रतिशत का मानना था कि वे तीन माह से अधिक किराया नहीं दे सकते। जबकि केवल नो प्रतिशत व्यापारियों का मानना था कि वे अपने व्यापार को उचित प्रकार से चला सकते हैं।
इस सर्वे में यह भी कहा गया कि दस में चार व्यापार इस महामारी काल में पूर्ण रुप से निराश हो चुके हैं और इस आपदा काल के पूर्ण रुप से सामान्य होने तक व्यापार के नष्ट होने की कल्पना कर रहे हैं, परंतु कुछ व्यापारी सकरात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं और उनका मानना है कि सरकार जल्द ही उनकी मदद करेगी और एक बार फिर से वे अपने व्यापार को पुरानी ऊंचाईयों पर ले जा सकेंगे। लेकिन सभी व्यापारियों व उद्योग-धंधों वालों के मुख्य चिंता का कारण आगामी किराया था, जिसे वे जल्द ही नहीं चुकाने की कगार पर पहुंच सकते हैं, जिसके पश्चात मकानमालिकों को उनकी संस्थाएं पूर्ण रुप से बंद करने का अधिकार सुरक्षित होगा। राज्य के 85 प्रतिशत व्यापारियों का कहना है कि सरकार जल्द ही नए पैकेज की घोषणा कर सकती हैं, इसलिए सभी व्यापारियों को आने वाले दिनों की बहुत अधिक प्रतिक्षा हैं, जिसमें सरकार उनके लिए राहत पैकेज की घोषणा कर सकती हैं। वहीं केंद्र सरकार ने छोटे व्यापारियों को राहत देने के लिए घोषित योजना में मजदूरी छूट और अग्रिम व्यापार के लिए 40,000 डॉलर के लोन आदि का प्रावधान रखा हैं, जिसके अनुसार कई छोटे व्यापारियों का मानना है कि इस राहत में वे केवल अपने व्यापार को बचा सकते हैं और अपने कर्मचारियों को वेतन सुविधा दे सकते हैं, परंतु अपनी संस्थाओं का मोटा किराया नहीं भर सकते, इसके लिए राज्य सरकार को इनकी मदद के लिए आगे आना होगा।
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