विपक्ष के साथ समझौता वार्ता की प्राप्ति के लिए हाऊस ऑफ कोमन्स की होगी रि-ओपनींग

औटवा। केंद्र सरकार के भरसक प्रयासों के बावजूद वे विपक्ष को मनाने में नाकाम रहें, ज्ञात हो कि पिछले एक दिवसीय संसद सत्र में लिबरलस ने एनडीपी और ब्लॉक क्यूबेकोईस की रजामंदी के पश्चात कोविड-19 के कारण पारित की गई सभी योजनाओं पर चर्चा के लिए ऑनलाईन अधिवेशन की प्रक्रिया को मंजूरी दी, जिसके पश्चात कंसरवेटिवस ने इसे पूरी तरह से नकार दिया हैं, जिसके कारण 90 मिनट के एक अधिवेशन सत्र की मंजूरी को स्वीकार किया गया हैं जिसमें सभी प्रकार से सोशल – डिशटेन्सींग का पालन किया जाएगा। महामारी के कारण कई प्रकार की बातों का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता का हवाला देते हुए केंद्र ने यह बात रखी थी, परंतु कंसरवेटिवस प्रमुख एंड्रू शीयर का मानना है कि इस प्रकार की चर्चा में कई अहम फैसलों पर सहमति बनना अनिवार्य हैं, इसके लिए केंद्र सरकार को पारदर्शी परिणामों के साथ ही अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने होगें तभी इस जटिल समय में किसी भी प्रकार की लापरवाही को विपक्ष भी समझकर अपनी दलील दे सकेंगा अन्यथा बाद में इसका नुकसान सभी देशवासियों को उठाना पड़ सकता हैं। शीयर ने यह भी कहा कि संसद के अन्य सभी पार्टियों ने हमारे प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि कम से कम चार बैठकों का आयोजन होना चाहिए और उसमें में सीमित समय के अंदर सभी फैसलों पर चर्चा की जानी चाहिए, जिससे भविष्य के लिए तैयार नीतियों में सार्थकता के साथ कार्य हो सके। वहीं दूसरी ओर ट्रुडो ने इसे एक गैर-जिम्मेदाराना कार्य बताया और कहा कि विपक्ष इस आपदा काल में भी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहा। सरकार द्वारा भविष्य के सभी सत्रों में ऑनलाईन प्रक्रिया पर अधिक जोर दिया गया था, उनका मानना है कि सरकार ऑनलाईन सत्र का आरंभ करेगी जिसमें सभी सांसद खुलकर चर्चा कर सकते हैं, इसके लिए हाऊस ऑफ कोमनस में सीमित चुनिंदा नेता ही आमंत्रित किए जाएंगे, जो शेष ऑनलाईन नेताओं का प्रतिनिधित्व करेंगे। परंतु इस सुझाव को कंसरवेटिवस प्रमुख एंड्रू शीयर ने पूर्ण रुप से खारिज करते हुए कहा कि इससे सांसदों की जिज्ञासा शांत नहीं होगी और कोई भी सांसद अपने विचारों को उन्मुक्त होकर नहीं व्यक्त कर सकेगा, जिससे भविष्य में सभी नीतियों पर गहरी असमंसजता मौजूद रहेगी और यह स्थिति आगे चलकर और भयंकर स्थिति उत्पन्न करेंगी।
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