कोविड-19 संकट में भूतपूर्व सैनिकों के लिए भी राहत पैकेज की मांग उठी
औटवा। कोविड-19 के आपदा काल का सामना देश का हर वर्ग कर रहा हैं, इस संकट में भूतपूर्व सैनिकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं, सूत्रों के अनुसार कई वेटरनस पार्ट टाईम काम करके अपना जीवन निर्वाह कर रहे थे, परंतु शटडाऊन के कारण अब उनके लिए आपदा काल गहरा संकट लेकर आया हैं। इसलिए कैनेडा के वेटरनस समाज ने प्रधानमंत्री ने मांग की हैं और कहा कि उनके लिए भी राहत पैकेज की घोषणा की जाएं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार इस समय देश में कुल संक्रमितों की संख्या 76,000 तक पहुंच गई हैं, जिसमें से आधे मरीज ठीक भी हो गए हैं और मरने वालों की संख्या 5,700 आंकी गई हैं। इस बीच जैसन केनी और चीनी राजदूत के मध्य शब्द वार भी जारी हो चुका हैं, जिसमें अल्बर्टा प्रीमियर ने चीन को कई तथ्यों के छुपाने के लिए विश्व को जवाब देना होगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भूतपूर्व सैनिकों और संबंधित वर्गों ने औटवा में अपनी लगभग 44,000 दावे प्रस्तुत किए हैं, जिसके लिए कैनेडियन वेटरनस कार्यक्रम विभाग को कार्य करना होगा। परंतु इन सभी दावों को अभी फिलहाल केंद्र सरकार ने रद्द कर दिए हैं। बकर्ट ने अपने ईमेल संदेश में कहा कि इस प्रकार बिना किसी सबूत के हम विश्वास नहीं कर सकते और न ही किसी भी देश पर मिथ्या आरोप लगा सकते हैं। सभी प्रकार के विषयों पर कार्य चल रहा हैं और पूर्ण जांच के पश्वात ही कार्यवाही को आगे बढ़ाया जाएगा। वहीं सेवानिवृत्त मास्टर कॉरपोरल देव टॉय ने कहा कि हमें हमेशा पीछे रखा जाता हैं, जिस कारण से हमारे वर्ग में बहुत गुस्सा हैं, इसके अलावा पिछले 18 माह से हमें किसी भी प्रकार को कोई लाभ नहीं दिया गया, जिसके कारण भी देश के वेटरनस समाज में गहरा आक्रोश हैं। उन्होंने यह भी माना कि सरकार ने अभी भी कई दावें लंबित कर रखे हैं, जिसके कारण इस आपदा काल में उन्हें संकट का सामना करना पड़ रहा हैं। देश के लिए की गई हमारी सेवाओं को ध्यान में रखते हुए हमारी मांगों पर ध्यान देना सरकार का प्रथम कार्य होना चाहिए और इस नाते से उन्हें हमारी मांगें पूर्ण करनी होगी।
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