वी को लेकर उठे विवादों पर कुछ नहीं बोलने पर ट्रुडो ने मांगी माफी
- पिछले दिनों विपक्ष ने स्पष्ट तौर पर वी चैरिटी और पीएम के 900 मिलीयन डॉलर छात्र वित्त सहायता प्रोग्राम में गड़बड़ी की बात उठाई थी
औटवा। प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने एक बार फिर से सार्वजनिक माफी मांगी, इस बार उन्होंने वी चैरिटी संस्था से माफी मांगते हुए कहा कि पिछले दिनों विपक्ष द्वारा उठाए विवादित बयानों का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया इसका उन्हें भारी खेद हैं। ज्ञात हो कि कंसरवेटिवस ने संसद में केंद्र सरकार द्वारा आरंभ किए 900 मिलीयन डॉलर की छात्र वित्तीय सहायता योजना के अंतर्गत वी चैरिटी को स्पष्ट लाभ देने की बात कही थी, विपक्ष का यह भी कहना था कि वी चैरिटी का संबंध प्रधानमंत्री की पत्नी, भाई और मां से सीधे तौर पर हैं, जिसकी जांच होनी चाहिए। छात्रों को मिलने वाली वित्त योजना के लिए केवल इसी संस्था को नियुक्त करना कई सवाल उठा रहा है। विपक्ष द्वारा ट्रुडो पर यह भी आरोप लगाया गया कि केंद्र ने वी चैरिटी को लाभ देने के लिए ही इसे चुना जिसमें उनकी पत्नी, भाई और मां को मिश्रित रुप से 283,400 डॉलर का भुगतान किया गया। इस राशि को गत 2016 से 2020 के मध्य प्रधानमंत्री की मां मारगरेट को 250,000 डॉलर और उनके भाई एलेक्सजेंडर को 32,000 डॉलर और पत्नी सॉफी ग्रेगोएरी ट्रुडो को 1,400 डॉलर के रुप में दिया गया, इन लोगों ने वी चैरिटी के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया था।
प्रधानमंत्री ने अपने माफीनामे में स्पष्ट कहा कि मुझे विपक्ष के सवालों का जवाब देना चाहिए था यदि हम सही है तो हमें डर किस बात का। परिवार का संबंध होने से कोई भी संस्था निजी लाभ देने वाली संस्था नहीं बन जाती, यह योजना देश के छात्रों को वित्त लाभ देने के लिए स्थापित की गई हैं जिसमें सभी छात्रों को जो इस महामारी काल में वित्तीय संकट से गुजर रहे हैं लाभ देने का प्रयास किया गया, जिसके लिए वी चैरिटी को इनके वितरण के लिए नियुक्त करना कोई गलत नहीं था, इसकी पूर्ण जांच की जा सकती हैं और केंद्र के पास भी इस बारे में सभी साक्ष्य मौजूद हैं। उन्होंने माना कि मुझे विवादों पर अवश्य जवाब देना चाहिए था, जो मैने नहीं दिया इस बात का मुझे जीवन भर खेद रहेगा। महामारी काल में भी विपक्ष राजनीति करने के बाज नहीं आ रहा, इस संकट के समय को हमें मिलकर दूर करना होगा। कंसरवेटिव पार्टियों के समीक्षक माईकल बारेट का कहना है कि जब प्रधानमंत्री स्वयं कह रहे हैं कि उनका इस प्रकरण में कोई हिस्सेदारी नहीं तो इसकी जांच अवश्य होनी चाहिए, जिसके बाद सभी बातें स्पष्ट हो जाएंगी। वी के सभी दस्तावेजों को जांचा जाना चाहिए, इसके अलावा वास्तविक अनुबंध को भी देखना उचित होगा। वहीं एनडीपी समीक्षक का भी मानना है कि किसी भी सरकारी संपर्क वाली संस्था को इस प्रकार से अनुबंध देना अनुचित प्रतीत हो रहा हैं, इसकी अवश्य जांच होनी चाहिए यदि ये कानून के अंतर्गत है तो सही हैं नहीं तो दोषियों को सजा मिले।
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