आंध्र के दस सांसदों के निलंबन का सरकारी प्रस्ताव गिरा
नई दिल्ली , आंध्र प्रदेश के दस सांसदों को निलंबित करने का सरकार का प्रस्ताव लोकसभा में औंधे मुंह गिर गया, क्योंकि आखिरी वक्त पर भाजपा ने अपना मूड बदल दिया। कई अन्य राजनीतिक दलों ने भी सरकार के इस कदम का जोरदार विरोध किया और नाराजगी जाहिर की।
इस मुद्दे पर परदे के पीछे सलाह मशिवरा करने वाले कांग्रेस नेताओं का दावा था कि नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने सत्ताधारी पार्टी से वायदा किया था कि आंध्र के दसों सांसदों के नाम पढ़े जाने पर भाजपा सदन से वाकआउट कर जाएगी।द्घ
लेकिन भाजपा नेताओं ने तर्क दिया कि अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा सांसदों के नाम पढे जाने की बजाय संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ सदस्यों को निलंबित करने का प्रस्ताव ले आये। इस पर कई राजनीतिक पार्टियों को हैरत हुई और सदन में हंगामा शुरू हो गया।
पृथक तेलंगाना राज्य के गठन पर हुए फैसले का मानसून सत्र के पहले ही दिन से विरोध कर रहे और सदन में लगातार नारेबाजी करते आ रहे आंध्र प्रदेश से तेदेपा के चार और कांग्रेस के छह सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव कमलनाथ ने पेश किया।
भाजपा के एक नेता ने कहा कि बदले हालात में भाजपा के लिए सदन से बाहर जाना मुश्किल हो गया, क्योंकि भाजपा के मित्र दलों के अलावा कई अन्य दलों ने प्रस्ताव का विरोध शुरू कर दिया। तृणमूल कांग्रेस का एक सदस्य तो विरोध जताने आसन के सामने आ गया।
विपक्ष के नेताओं ने भी अध्यक्ष के साथ तालमेल नहीं रखने के लिए कमलनाथ को सदन में उत्पन्न स्थिति का दोषी ठहराया।
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