सितम्बर में आरंभ होने वाले स्कूलों में मास्क लगाना हो अनिवार्य : पोल
औटवा। एक नई पोल रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया कि देश के दो-तिहाई अभिभावक इस बात के लिए सहमत है कि स्कूलों के आरंभ में मास्क लगाना अनिवार्य किया जाएं। इस सर्वे में 41 प्रतिशत अभिभावकों का मानना है कि जब छात्र कक्षाओं के बाहर हो या अपनी बसों में हो तो उन्हें अवश्य रुप से मास्क लगाना होगा। जबकि 21 प्रतिशत का मानना है कि उन्हें अपने कक्षा कमरों में भी मास्क लगाना अनिवार्य होना चाहिए, कुछ समय की छूट के पश्चात वह समय-समय पर मास्क लगाते रहे जब तक वह अपने घर नहीं पहुंच जाते। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार भी नॉन-मेडिकल मास्क सभी के लिए लाभदायक हैं, कोविड-19 के संकट को कम करने के लिए यह करना आवश्यक होना चाहिए जिससे बच्चों की पढ़ाई को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचे। लेजर द्वारा ऑनलाईन सर्वे का आयोजन गत 17 से 19 जुलाई के मध्य किया गया, जिसमें 18 वर्ष से अधिक आयु के 1,524 लोगों की राय को शामिल किया गया। इस पोल रिपोर्ट में कोई भी शंका नहीं जताई गई क्योंकि सभी प्रतिभागियों ने अपनी पहचान भी इस सर्वे में शामिल की। लेजर के उपाध्यक्ष क्रिस्टीयन बॉरक्यू ने बताया कि इस समय पूरे देश में बदलाव की रिओपनींग चल रही हैं, जिसके अंतर्गत स्कूलों में मास्क की अनिवार्यता को भी इस बदलाव में शामिल किया जाएं और भविष्य के लिए छात्रों को एक सुरक्षित व स्वस्थ्य स्थान उपलब्ध करवाने की कवायद को तैयार करें।
सितम्बर में स्कूलों की रिओपनींग पर उठ रही भ्रातियों पर बोले प्रीमियर फोर्ड – ‘मूर्खतापूर्ण विचारों का कोई जवाब नहीं’
टोरंटो। प्रीमियर डाग फोर्ड ने माना कि यदि स्थितियां अधिक नहीं बिगड़ी तो राज्य के सभी स्कूलों को खोल दिया जाएगा, इसके लिए सोशल मीडिया व अन्य प्रचार साधनों द्वारा फैली भ्रांतियों का कोई जवाब नहीं, लोगों को समझना होगा कि बच्चों की शैक्षणिक आवश्यकताओं को पूरा करना अनिवार्य हैं, इसके लिए कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता।
राज्य सरकार ने सभी स्कूल बोर्डों को तीन चयन प्रक्रिया अपनाने की सलाह दी, जिसमें ऑनलाईन शिक्षा प्रणाली और हाईबर्ड शिक्षा योजना और पूर्ण समय के लिए शिक्षा की नीतियों पर कार्य करना। शिक्षामंत्री स्टीफन लीस ने बताया कि सरकार हाईबर्ड लर्निंग योजना को पहले से ही कार्यन्वित कर चुकी हैं, लेकिन इसमें कक्षाएं पूर्ण समय के लिए आयोजित की जाती थी, जिसे नई योजना में कम किया गया हैं। सरकार द्वारा अपनाएं जाने वाले पांच चयनों से नई योजनाओं को साकार करने की योजना हैं। चयन 1 : नियमित स्कूल दिन को छोटा किया गया हैं, जिसमें केवल 15 छात्रों की कक्षाओं को ही मान्यता दी जाएंगी। इस नई योजना के अंतर्गत स्कूलों को 2500 अतिरिक्त अध्यापकों की आवश्यकता होगी, तभी इस योजना को साकार रुप दिया जा सकेगा। चयन 2 : इस चयन के अंतर्गत 48 मिनट का समय कम किया जाएगा। बर्ड ने बताया कि मॉडल के इस प्रारुप में 98 मिलीयन डॉलर की बचत होगी। चयन 3 : क्लास कोहार्टस को दो विभिन्न आकारों में तैयार किया जाएगा, जिसमें कक्षा 3 से छोटी कक्षाओं में 15 छात्रों की कक्षाएं और कक्षा 4 से ऊपर की कक्षाओं में 20 तक छात्रों को बिठाने की अनुमति जारी की गई हैं। चयन 4 : कुछ कक्षाओं को मिश्रित आकारों में तैयार किया जाएगा, जिसके लिए 200 अतिरिक्त अध्यापकों को हायर किया जाएगा। जिसके लिए 20 मिलीयन डॉलर की लागत का वहन करना होगा। चयन 5 : स्वास्थ्य नियमों का पालन इस प्रकार से किया जाएगा जिससे किसी को भी सुरक्षा की हानि नहीं हो सके, तभी इस रिओपनींग का वास्तविक लाभ हो सकेगा। बर्ड ने बताया कि यदि इन नियमों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा वैधता प्रदान की जाएगी तो जल्द ही स्कूलों को खोलना संभव हो सकेगा, इससे अन्य अभिभावकों में भी संतोष देखा जा सकता हैं। सूत्रों की माने तो इस रिओपनींग से लगभग 1800 हाई स्कूल विद्यार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ होगा, जबकि अन्य को अप्रत्यक्ष रुप से लाभ मिलेगा। कोहार्ट मॉडल की सफलता के बारे में आगामी दिनों में ही वास्तविक जानकारी मिल सकेगी।
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