भगवान कृष्ण जन्माष्टमी

भगवान कृष्ण जन्माष्टमी के इस साल 11 और 12 अगस्त 2020 को मनाया जाएगा। हालांकि कोरोना संक्रमण के बीच हर साल की भांति जन्माष्टमी पर्व उतना धूमधाम से तो नहीं मनाया जाएगा, लेकिन भगवान कृष्ण की पूजा को यदि पूरे विधि-विधान से किया जाए तो शुभ फल जरूर मिलता है। अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के अंत समय के आधार पर कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत इस साल दिन हो सकता है। आइए जानते हैं कि भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना के समय क्या सावधानी रखना चाहिए और पूजा में किन चीजों को विशेष रूप से शामिल किया जाना चाहिए –
मोर पंख
भगवान कृष्ण को मोर पंख लगाना बहुत पसंद है। पूजा के दौरान भगवान को मोर पंख लगाना भी न भूले। भगवान के सिंगार के दौरान मोर पंख लगाने से कृष्ण प्रतिमा की खूबसूरती बढ़ जाती है।
चांदी की बांसुरी
भगवान कृष्ण को बांसुरी बजाना काफी पसंद है, इसलिए पूजा के दौरान अपनी आरती में चांदी की बांसुरी जरूर रखना चाहिए। यदि चांदी की बांसुरी उपलब्ध नहीं हो तो बांस की बांसुरी भी पूजा के दौरान अर्पित की जा सकती है। पूजा की बाद चांदी की बांसुरी को पर्स में रख लेना चाहिए। इसे धन धान्य की कृपा बनी रहती है।
राखी
भगवान कृष्ण अपनी बहन सुभद्रा को बहुत प्यार करते थे, इसलिए भगवान कृष्ण को खुश करने के लिए पूजा के समय आरती में राखी जरूर रखना चाहिए। जन्माष्टमी पर कान्हा के साथ उनके बड़े भाई बलराम को भी राखी बांधना न भूले। ऐसा करने से भगवान कृष्ण की कृपा बनी रहती है।
माखन
कान्हा को माखन अतिप्रिय है, ऐसी मान्यता है कि जिस रात कान्हा का जन्म हुआ, उस रात नंद गांव की गोपियों ने सपने में देखा कि कान्हा माखन मांग रहे हैं। नंदलाल को माखन इतना प्रिय था कि वह बचपन में गोपियों की मटकियों से माखन चुराकर खा लिया करते थे। इसलिए भगवान कान्हा को पूजा के दौरान माखन के साथ मिश्री भी जरूर चढ़ाना चाहिए।
पारिजात का फूल
पारिजात का फूल भगवान राम के साथ भगवान कृष्ण को भी काफी पसंदी है। यह फूल भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को भी काफी पसंद है। यदि पूजा के दौरान पारिजात का फूल रखा जाता है और पूजा और भी ज्यादा शुभ हो जाती है। भगवान कृष्ण की पूजा के दौरान भी पारिजात का फूल जरूर चढ़ाना चाहिए।

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