लेबनान राहत पैकेज के लिए कैनेडा ने जमा किया अनुदान
- अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री करीना गोउल्ड ने कहा कि सभी कैनेडियनस लेबनानियों की मदद के लिए आगे आएं और अपने डोनेशनस को सरकार के पास जमा करवाएं जिससे उपयुक्त रुप से यह धन जरुरतमंदों को मिल सके।
औटवा। केंद्र सरकार ने सभी पृथक कैनेडियनस के अनुदानों को एकत्र कर मानवीय राहत प्रक्रिया के अंतर्गत बेरुत में हुए भयंकर विस्फोट के पीड़ितों को देना का विचार किया हैं। अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री करीना गोउल्ड ने कहा कि सभी कैनेडियनस लेबनानियों की मदद के लिए आगे आएं और अपने डोनेशनस को सरकार के पास जमा करवाएं जिससे उपयुक्त रुप से यह धन जरुरतमंदों को मिल सके। करीना का कहना है कि मानवीय सहयोग के अंतर्गत सरकार पूरे देश से नागरिकों द्वारा दिए गए छोटे-छोटे डोनेशनों को एकत्र कर एकमुश्त राशि से राहत पहुंचाने की व्यवस्था करेगी। इससे पीड़ितों को उपचार या रहने में हो रही समस्याओं को हल करने में मदद मिल सकेगी। सभी डोनेशनों को आगामी 24 अगस्त तक एकत्र किया जाएंगा। इसके लिए 12 संस्थाओं के एक ग्रुप को आयोजित किया गया हैं, जहां पूरे देश से इस दुर्घटना के लिए आगे आने वालों से अनुदान लिया जाएगा और उसे एक साथ एकत्र किया जाएगा। संगठन का मानना है कि इस सुनिश्चित समय में केंद्र सरकार द्वारा लगभग 2 मिलीयन डॉलर जुटाने का लक्ष्य रखा गया हैं, जोकि कुल सीमा 5 मिलीयन डॉलर का एक भाग होगा। जिसमें से कुछ धन लेबनानी रेड क्रॉस को भी दिया जाएगा, जिससे उपचार आदि में मदद मिल सके।
ज्ञात हो कि विश्व नेताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने बेरूत में हुए धमाके के मद्देनजर लेबनान को 30 करोड़ डॉलर की आपात सहायता मानवीय आधार पर देने का वादा किया है, लेकिन साथ ही चेताया है कि पुननिर्माण के लिए कोई पूंजी तब तक उपलब्ध नहीं होगी जबतक लेबनानी अधिकारी लोगों की मांग के अनुरूप राजनीतिक और आर्थिक सुधार को लेकर प्रतिबद्धता नहीं जताते।
रविवार को हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल करीब 30 प्रतिभागियों ने चार अगस्त को बेरूत में हुए धमाके की ‘विश्वसनीय और निष्पक्षÓ जांच में मदद की पेशकश की। यह एक अन्य प्रमुख मांग है जिसको लेकर लेबनानी जनता ने शनिवार और रविवार को सड़कों पर प्रदर्शन किया। बेरुत में, लेबनान के दो कैबिनेट मंत्रियों, जिनमें प्रधानमंत्री का एक शीर्ष सहायक शामिल है, ने इन संकेतों के बीच इस्तीफा दे दिया कि राजधानी बेरूत धमाके उपजे गुस्से की वजह से सरकार अस्थिर हो सकती है। इस धमाके में अभी तक 200 लोगों की मौत की पुष्टि कर दी गई है और करीब छह हजार लोग घायल हुए हैं। इस घटना से जनता का आक्रोश चरम पर पहुंच गया है। लेबनान की सूचना मंत्री मनाल अब्देल समद ने इस्तीफा देते हुए कहा कि वह लोगों की आकांक्षाओं को पूरा नहीं कर पाने और पिछले हफ्ते हुए धमाके की वजह से इस्तीफा दे रही हैं। इसके बाद खबरें आ रही हैं कि और भी मंत्री अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। लेबनान के पर्यावरण मंत्री दामेनियोस कातर ने भी रविवार देर रात अपने पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि सत्ता प्रणाली ‘शिथिल और निष्प्रभावीÓ हो गई है। उन्होंने रविवार को बंद दरवाजे में हुई बैठकों और प्रधानमंत्री हस्सान दियाब के साथ फोन पर हुई बातचीत के बावजूद पद छोड़ने का फैसला किया। कई और मंत्री भी अब्देल समद का अनुकरण कर रहे हैं। हालांकि, और इस्तीफों को रोकने के लिए राजनीतिक कोशिश की जा रही है। नियमों के तहत अगर 20 मंत्रियों में से सात मंत्री इस्तीफा दे देते हैं तो कैबिनेट को भंग करना होगा और कार्यवाहक सरकार के तौर पर जिम्मेदारी निभानी होगी।
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