यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो की रिओपनींग योजना के लिए विशेषज्ञों की राय नहीं ली गई : फैक्लटी
टोरंटो। कैनेडा की प्रख्यात यूनिवर्सिटी ने सरकार की बैक-टू-स्कूल योजना पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि इसके लिए विशेषज्ञों का परामर्श लिए बिना ही लाखों छात्रों व अध्यापकों को शिक्षा सत्र में शामिल होने का आमंत्रण दे दिया।
इस सप्ताह के आरंभ में हुई एक ऑनलाईन बैठक के दौरान यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो की फैक्लटी संघ ने अपने विचार व्यक्त किये, उनके अनुसार यदि सरकार इस योजना के प्रारंभ से पूर्व विशेषज्ञों की राय लेती तो अवश्य ही वे इसे नकार देते, संघ की अध्यक्ष तरेजिया जोरिक ने कहा कि वे सरकार की इस योजना के बिल्कुल खिलाफ हैं और आपात काल में इस प्रकार का निर्णय लेकर सरकार ने स्वयं ही संकट को न्यौता दिया हैं, फिलहाल राज्यों में संक्रमण दर कम हो रही हैं, परंतु स्कूलों की रिओपनींग से इसकी तादाद हजारों में पहुंचने का डर हैं। सरकार व स्कूल प्रशासन ने इसके लिए यूनिवर्सिटीज के विशषेज्ञों से भी कोई परामर्श नहीं लिया, इसका उन्हें बहुत अधिक खेद हैं। इसके अलावा न ही इस योजना के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के किसी अधिकारी की उचित सलाह शामिल की गई हैं। उन्होंने यह भी माना कि गत वर्षों में कई संस्थाओं ने हमारे विशेषज्ञों की राय ली जो कारगर साबित हुई परंतु इस बार कैनेडियन प्रशासन ने स्वयं राय नहीं लेना अनुचित प्रतीत हो रहा हैं। ज्ञात हो कि पिछले दिनों प्रीमियर फोर्ड ने भी कहा था कि यह अनिवार्यता कक्षा 4 से ऊपर की कक्षाओं के बच्चों के लिए अवश्य होगा, कक्षा 4 से छोटी कक्षाओं के लिए मास्क की अनिवार्यता नहीं रखी जा सकती, उसके लिए अध्यापक स्वयं ध्यान रखेंगे और उन्हें व्यवस्थित करने का प्रयास भी करेंगे। ज्ञात हो कि टीडीएसबी की योजना के अनुसार नई शिक्षा प्रणाली को लागू करने के लिए 20 मिलीयन डॉलर का अतिरिक्त खर्चा बताया, योजना में यह भी कहा गया कि किंडरगार्टन से कक्षा 3 तक औसतन विद्यार्थियों की संख्या 15 तक होनी चाहिए जबकि कक्षा 4 से कक्षा 8 तक औसतन विद्यार्थियों की संख्या 20 होनी चाहिए, इस शिक्षा सत्र में अतिरिक्त अध्यापकों की आवश्यकता होगी जो उचित दूरी का पालन करते हुए सभी छात्रों को पूरी शिक्षा दे सके।
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