‘भरी मीटिंग में हमें धोखेबाज़ कहा गया’
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने हाल ही में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक को लेकर पहली बार अपना मुंह खोला है। कपिल सिब्बल ने बैठक में राहुल गांधी द्वारा बीजेपी से सांठगांठ करने के आरोपों की इशारों इशारों में पुष्टि की है। कपिल सिब्बल ने इण्डियन एक्सप्रेस को दिए साक्षात्कार में कहा है कि भरी मीटिंग के दौरान उन्हें और सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को धोखेबाज़ कहा गया। दरअसल जब कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक चल रही थी, तब यह खबर सामने आई थी कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं और विशेषकर कपिल सिब्बल पर बीजेपी से मिलीभगत करने का आरोप लगाया था। कपिल सिब्बल ने उसी समय ट्विटर पर राहुल गांधी के इस कथित आरोप पर आपत्ति दर्ज कराई थी। हालांकि सिब्बल ने बाद में यह कहते हुए ट्वीट डिलीट कर दिया था कि राहुल ने व्यक्तिगत तौर पर उनसे संपर्क साध कर ऐसी किसी भी टिप्पणी से इनकार किया है। लेकिन जैसे जैसे चिट्ठी लिखने वाले नेता एक के बाद एक अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं, उसी कड़ी में कपिल सिब्बल ने भी अपनी बात रखी है। कपिल सिब्बल ने कहा है कि कार्यसमिति की बैठक में जब हम पर एक के बाद एक हमले हो रहे थे, उस समय बैठक में मौजूद कोई भी नेता हमारा बचाव करने सामने नहीं आया। कपिल सिब्बल ने इण्डियन एक्सप्रेस से कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी हमेशा से बीजेपी के ऊपर संविधान विरोधी होने का आरोप लगाती है। लेकिन हम क्या चाहते हैं? हम कांग्रेस के संविधान के अनुरूप ही चलने की तो बात कर रहे हैं।’
राजनीति में ‘लॉयल्टी प्लस’ की ज़रूरत होती है
सिब्बल ने साक्षात्कार में अपने दर्द को बयां करते हुए कहा है कि मैं किसी विशेष दल की बात नहीं कर रहा हूं लेकिन इस देश में राजनीति लॉयल्टी (वफादारी) आधारित है। सिब्बल ने कहा है कि लेकिन इस समय हमें लॉयल्टी प्लस की ज़रूरत है। और यह लॉयल्टी प्लस क्या है? यह प्लस योग्यता, समावेशिता, लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता और उस प्लस को सुनने और संवाद करने में सक्षम होने के बारे में है। सिब्बल ने कहा ‘ राजनीति ऐसी ही होनी चाहिए।’
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