पुतिन द्वारा दुश्मनों के लिए बनाएं जहरीले दस्ते की कैनेडा हमेशा निंदा करता रहा हैं : कैम्पेज
व्लादिमीर पुतिन का खतरनाक दस्ता, दुश्मनों का करता है काम तमाम, फिलहाल इसके शिकार हुए एलेक्सी नवेलनी रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी और एफएसएस पर आरोप लगते रहे हैं कि वह मॉस्को के खिलाफ बोलने वालों को चुप कराने के लिए जहर का इस्तेमाल की जाती है।
औटवा। कैनेडा के विदेश मंत्री फ्रान्सकोईस – फिलीपी कैम्पेज ने बताया कि रुस के राष्ट्रपति द्वारा अपने विपक्षियों या विरोधियों के लिए बनाए गए जहरीले दस्ते की आलोचना की और कहा कि इस प्रकार के संगठन का निर्माण बहुत अधिक खराब राजनीति का प्रमाण हैं, जिसे कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक और विपक्षी नेता एलेक्सी नवेलनी जर्मनी में जिंदगी और मौत के बीच लड़ रहे हैं। शक है कि जहरीली चाय पीने की वजह से वह पहले बीमार पड़े और फिर कोमा में चले गए। कई बार जेल जा चुके नवेलनी ऐसे पहले शख्स नहीं हैं जिन्हें इस तरह रेडियो ऐक्टिव जहर दिए जाने की घटना हुई है। मॉस्को के ऊपर ऐसे आरोप कई बार लग चुके हैं कि अपने आलोचकों को खतरनाक जहर देकर वह चुप करा देता है। खास बात यह है कि इस तरह के मामले 2000 के दशक में जब सामने आने शुरू हुए तो रूस की एक सोवियत संघ के समय की सिक्यिॉरिटी एजेंसी के खुफिया तरीके से ऑपरेट करने के आरोप लगे। इसके साथ ही उस लैब का जिक्र हुआ जहां जहरीले हथियार तैयार किए जा रहे हैं।
अलेग्जेंडर लिटविनेंको : केजीबी और सोवियत के बाद बनी एजेंसी एफएसबी पूर्व एजेंट लेफ्टिनेंट-कर्नल अलेग्जेंडर लिटविनेंको को 2000 में रूस से बाहर निकाल दिया गया था और फिर वह जान बचाकर लंदन भाग गए थे। वहां 6 साल बाद एक दिन चाय पीने के बाद बीमार पड़ गए। कहा जाता है कि उस चाय में रेडियो ऐक्टिव पोलोनियम 210 पड़ा था। तीन हफ्ते बाद उनकी मौत हो गई। जब लिटविनेंको को जहर दिया गया उस वक्त वह तीन हफ्ते पहले रूसी पत्रकार ऐना पोलटकोवस्काया की मौत की खोजबीन कर रहे थे। ब्रिटेन की जांच में रूस पर लिटविनेंको को जहर देने का आरोप लगा जिसे रूस ने खारिज किया। मौत से पहले लिटविनेंको ने पत्रकारों के सामने इस बात का दावा किया था कि स्नस्क्च अभी भी मॉस्को में जहर की लैब चला रही है जो सोवियत के वक्त से चालू है। उन्होंने यह भी रोप लगाया था कि मॉस्को ने 2004 में यूक्रेन के राष्ट्रपति विक्टर युशचेंको को डायॉक्सिन का जहर दिया।
व्लादिमीर कारा-मुर्जा – विपक्षी ऐक्टिविस्ट व्लादिमीर कारा-मुर्जा जूनियर को 2015 और 2017 में जहर दिए जाने के बाद अस्पताल में भर्ती कर दिया गया था। रूस के विपक्षी नेता बोरिस नेमत्सोव के साथी और पत्रकार कारा-मुर्जा ने जहर दिए जाने का शक जाहिर किया है लेकिन इसकी वजह पता नहीं लग सकी है। उन्हें 2017 में कोमा की हालत में अस्पताल ले जाया गया। उनकी पत्नी ने जहर दिए जाने का आरोप लगाया है और वकील का कहना है कि पुलिस ने कई दरखास्तों के बावजूद केस की जांच करने से इनकार कर दिया है।
कैनेडियन आंतरिक सूत्रों के अनुसार पुतिन इस प्रकार के प्रयोग केवल अभी रुस में ही कर रहे हैं परंतु विदेश मंत्री का मानना है कि इस प्रकार से अपने विरोधियों को समाप्त करने की परंपरा बहुत गलत हैं और इसके लिए दुनिया के प्रमुख नेताओं को एकत्र होकर आवाज उठानी होगी तभी पुतिन पर कार्यवाही हो सकेगी और इस प्रथा को समाप्त किया जा सकेगा।
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