प्रीमियर फोर्ड और टीचर्स यूनियन में शाब्दिक जंग तेज हुई

- प्रीमियर डाग फोर्ड ने यूनियनों के बयानों के पश्चात कहा कि वह पहले डॉक्टरों की सुन रहे हैं उसके बाद किसी अंग्रेजी के डिग्रीधारी अध्यापक की

टोरंटो। स्कूलों की रिओपनींग से पूर्व प्रीमियर और टीचर्स यूनियन का विवाद फिर से तेज होता प्रतीत हो रहा हैं, बैक-टू-स्कूल योजना का आरंभ जल्द ही आरंभ करवाने के लिए जहां एक ओर राज्य सरकार पर चौतरफा दबाव बनाया जा रहा है, वहीं प्रख्यात टीचर्स यूनियन द्वारा सरकार पर इस मामले में जोखिमों की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया गया हैं। प्रीमियर डाग फोर्ड ने माना कि वह सबसे पहले महामारी विदें की सुन रहे हैं और उन्हीं के स्वास्थ्य निर्देशों का पालन किया जा रहा हैं, उसके पश्चात ही वह किसी टीचर्स यूनियन के सदस्य की वार्ता को महत्व देंगे उन्होने अध्यापकों को समझाते हुए कहा कि यदि डॉक्टरों का मानना है कि सावधानी के साथ यदि कार्यों को अंजामि दिया जाएं तो कोई भय नहीं, अपितु इसके सावधानी बरती जाएं। फोर्ड ने अपने पिछले बयान में भी कहा था कि किसी भी नई योजना के आरंभ में कठिनाईयां अवश्य आती हैं, परंतु उसके नियमित करने से ही सुचारु प्रारुप तैयार किया जा सकता हैं और उसकी कमियों को पूरा करके ही आगे की योजनाओं को साकार किया जाएगा, इस प्रकार से विवाद उत्पन्न करने से कोई भी हल नहीं निकलेगा।   ओईसीटीए की अध्यक्ष लिज स्टुआर्ट ने बताया कि बैक-टू-स्कूल में केवल अध्यापक यूनियनों को ही इसकी खामियों पर चिंता नहीं, बल्कि ओंटेरियो वासियों को भी अभी बहुत सी बातों में शंका प्रतीत हो रही हैं, जिसके कारण वे जल्दी से अपने बच्चों को स्कूल भेजने में दुविधा महसूस कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर प्रीमियर और शिक्षामंत्री ने माना कि योजनाएं पूर्ण रुप से चरणबद्ध तरीके से आरंभ की जाएंगी और इसमें सुरक्षा के प्रबंधों में कोई भी त्रुटि होने का कोई सवाल ही नहीं पैदा होता हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दिनों वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. वीला ने यह भी कहा कि धीरे-धीरे राज्यों में संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ रहा हैं जोकि दूसरे चरण का सूचक हैं, जहां पिछले दिनों आंकड़ों में भारी कमी देखी गई वहीं इस समय आंकड़ों में अचानक वृद्धि चिंता का विषय हैं। जहां पिछले सात दिनों में आंकड़ों में 15.9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, वहीं पिछले एक दिन में 35 नए केस सामने आने से दूसरे चरण की आहट ने सभी को डरा दिया हैं। दूसरे चरण की आहट ने देश में फिर से आपातकाल और बेरोजगारी का भय व्याप्त कर दिया हैं। परंतु सूत्रों के अनुसार यह भी माना जा रहा है कि इस बार लोग अधिक सतर्क होने से इसकी संख्या नियंत्रित ही रह सकती हैं, कोविड-19 के दूसरे चरण को इस प्रकार से योजनाबद्ध किया जा रहा है कि इसका कम से कम प्रभाव लोगों पर पड़े और वे शीघ्र ही विस्तार नहीं होने के कारण कैनेडा से बाहर चला जाएं ।
इसके अलावा यूनियनों का भी यह कहना है कि इस योजना में सरकार ने फिजकल डिस्टेन्सींग, कोहॉर्टींग, वैन्टीलेशन और परिवहन आदि के प्रबंधों में बहुत ही अनदेखी की हैं, जिन पर विचार करना अति आवश्यक हैं, परंतु अभी भी फोर्ड सरकार को अपनी योजना पर पूरा भरोसा हैं और वे बार-बार यूनियनों से सहयोग की अपील कर रहे हैं।

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