कंंसरवेटिवज द्वारा और अधिक दस्तावेजों की प्रार्थना को वी चैरिटी ने ‘राजनीति’ बताया

औटवा। वी चैरिटी विवादों की जांच कर रही कमेटी के सदस्य केंद्रीय कंसरवेटिवज ने आगामी जांच के टोरंटो आधारित युवा संस्था ने और अधिक दस्तावेजों की मांग की हैं, जिससे वे प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो द्वारा स्थगित संसद सत्र से पूर्व सभी रिपोर्ट हाऊस ऑफ कोमनस में पेश कर सके। वी चैरिटीज के कानूनी सलाहकार ने इस मांग को पूरी तरह से नकारते हुए कहा कि टोरीज द्वारा इस प्रकार और अधिक संबंधित कंपनियों के दस्तावेजों की मांग पूर्ण रुप से राजनैतिक खेल हैं, परंतु इस समय राजनीति करना अनुचित हैं, महामारी काल में एक तरफ जहां जनता परेशानी का सामना कर रही हैं। वहीं विपक्ष द्वारा इस प्रकार से राजनैनिक परिस्थितियां उत्पन्न करके जनता को भ्रमित करना ठीक नहीं हैं, जिसे फौरन रोकना होगा।
वी चैरिटी के संस्थापकों माईकल बररेट टू क्रेग और मार्क कीएलबरगर ने बताया कि वे पिछले 20 वर्षों से इस संस्था को सफलतापूर्वक चला रहे हैं और आज तक उनके ऊपर किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा था, परंतु इस प्रकार से लोगों को भ्रमित करना किसी भी पार्टी के लिए अनुचित हैं, हमें केंद्र सरकार द्वारा मल्टी मिलीयन डॉलर का काम सौंपा गया, जिसे हम पूरा नहीं कर सके इसका हमें बेहद खेद हैं। लेकिन इसे राजनैतिक रुप देना गलत होगा। टोरीज अपनी झूठी लोकप्रियता के लिए ऐसा कर रही हैं और हमसे अधिक से अधिक दस्तावेजों की मांग कर रही हैं, जिसके कारण हमें असहजता महसूस हो रही हैं। ज्ञात हो कि इन्हीं सब परेशानियों से बचने के लिए प्रधानमंत्री ने गत 18 अगस्त को संसद का सत्र समाप्त कर दिया और इसके अगले सत्र की भी अभी तक कोई नई घोषणा नहीं की गई हैं, जिसके लिए भी पीसी पार्टी का कहना है कि विवादित आरोपों से बचने के लिए प्रधानमंत्री ने सत्र का अचानक समापन किया, जिससे अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं किया जा सके। कंपनी के अधिकारियों ने मीडिया को दिए अपने बयान में भी यहीं कहा कि इस प्रकार से अन्य संबंधित दस्तावेजों की मांग अनुचित हैं और न्याय संगत नहीं हैं, कार्य प्रणालियों को पुूरा करने के नाम पर और अधिक दस्तावेजों की मांग पूर्ण रुप से हमें सताने का कार्यकलाप हैं, जिसे हम पूरा नहीं होने देंगे। प्रधानमंत्री ट्रुडो के परिवार के ऊपर भी घोटाले में शामिल होने के आरोप भी पूर्णत: निराधार हैं जिसके अंतर्गत उन्हें भी फंसाने का प्रयास किया जा रहा हैं, जबकि उन्होंने जब भी किसी भी वी कार्यक्रम में भाग लिया तो उसके लिए भुगतान किया और उसका ब्यौरा भी संसदीय कमेटी को जमा करवा दिया गया हैं। वी चैरिटी का यह भी कहना है कि यदि सभी स्थितियां सही रही तो अवश्य ही हम दोबारा इस कार्य से जुड़ सकेंगे।

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