बिकने की कगार पर कैनेडा की शान ब्लैकबेरी
टोरंटो,लेनोवो और सैमसंग कॉर्पोरेट जंग की ओर आगे बढ़ रही हैं। कैनेडा की स्मार्टफोन कंपनी ब्लैकबेरी के एंटरप्राइज क्लाइंट्स को हथियाने के लिए दोनों कोशिश कर रही हैं। कंपनी पहले ही बिकने की कगार पर है और हर रोज किसी ना किसी ग्राहक का नाम सामने आ रहा है। ब्लैकबेरी का मार्केट शेयर लगातार कम हो रहा है। कंपनी के बिकने की अटकलें भी लग रही हैं। इस वजह से सैमसंग और लेनोवो इंडिया में कंपनी के कॉर्पोरेट क्लाइंट्स को हथियाने की जंग लड़ रही हैं। मिसाल के तौर पर, लेनोवो टाटा ग्रुप की कुछ कंपनियों और चिप फर्म इंटेल के इंडियन ऑपरेशंस पर फोकस कर रही है। वह उन्हें ब्लैकबेरी छोडक़र अपने साथ जोडऩे की कोशिश कर रही है।
टेलिकॉम रिसर्च फर्म कनवर्जेंस कैटेलिस्ट के फाउंडर और पार्टनर जयंत कोला के मुताबिक, ब्लैकबेरी की हालत बहुत खराब है। वहीं भारतीय कंपनियां मोबाइल डिवाइसेज़ पर काफी पैसा खर्च कर रही हैं। यह इन कंपनियों के लिए बड़ा मौका है।
साउथ कोरिया की सैमसंग की भारत में स्मार्टफोन मार्केट में 30 फीसदी हिस्सेदारी है। कंपनी ने कहा है कि वह लैपटॉप और डेस्कटॉप की जगह स्मार्टफोन और टैबलेट्स को बढ़ाना चाहती है। कंपनी के एंटरप्राइज कस्टमर्स में से यादातर बैंकिंग, एजुकेशन और फार्मा सेक्टर से हैं। इस साल की शुरुआत में सैमसंग ने कहा था कि साल के अंत तक उसके एंटरप्राइज कस्टमर्स की रेवेन्यू में हिस्सेदारी बढक़र कम से कम 10 फीसदी हो जाएगी। तब यह न के बराबर थी।
चीन की कंप्यूटर कंपनी लेनोवो इंडियन पीसी मार्केट में चौथे नंबर पर है। लेनोवो भी मौजूदा इंडियन क्लाइंट्स के साथ रिश्ते मजबूत करना चाहती है। इन कंपनियों ने लेनोवो से कंप्यूटर खरीदे हैं। चीन की फर्म अब अपने स्मार्टफोन मार्केट को बढ़ाना चाहती है। लेनोवो की स्मार्टफोन डिविजन के हेड सुधिन माथुर के मुताबिक, हम अपने मौजूदा क्लाइंट्स के साथ रिश्ते मजबूत करके स्मार्टफोन बिजनेस को बढ़ाना चाहते हैं।
लेनोवो ने दो महीने पहले ही इंडिया में के900 स्मार्टफोन लॉन्च किया है। कंपनी चीन के बाहर अपना मार्केट बढ़ाना चाहती है। कंपनी की कुल सेल्स में चीन की हिस्सेदारी 80 फीसदी है।
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