कोविड-19 से बढ़ती बेरोजगारी पर नए मानकों की मांग कर रही हैं सभी पार्टियां

- संसद के अल्पकाल सत्र में सभी पार्टियां एकमत से इस बात पर सहमत हुई कि बेरोजगारी को कम करने के लिए जल्द ही उचित प्रबंध हो

औटवा। हाऊस ऑफ कोमनस का अल्पकाल सत्र सभी पार्टियों ने एकमत होकर इसी बात पर जोर दिया कि कोविड-19 के कारण बेरोजगार या काम की कमी का शिकार हुए देशवासियों की जल्द से जल्द मदद की जाएं, ज्ञात हो कि यह गठबंधन वाली लिबरल सरकार के लिए एक मुश्किल की घड़ी थी जब उन्हें अन्य पार्टियों को इस बात के लिए भी रजामंद करना था कि कोविड-19 महामारी काल में देश में चुनाव हानिकारक साबित हो सकते हैं। अल्पकाल सत्र में केवल साढ़े चार घंटे के अधिवेशन में बिल सी-4 पारित किया गया जिसके लिए केवल उसके वास्तविक तथ्यों पर चर्चा की गई। सत्र के अंत में कंसरवेटिवस सांसदों ने इस बात का विरोध भी किया कि यह बिल फास्ट-ट्रेकिंग के माध्यम से क्यों पारित किया जा रहा, इसके लिए कुछ दिनों के लिए आयोजित सत्र में गहन चर्चा होनी चाहिए और केंद्र सरकार को इसकी पूर्ण व्याख्या विपक्ष को देनी चाहिए। क्यूबेकोईस सांसद भी कंसरवेटिवस के पक्ष में बोल रहे थे। वहीं गवरमेंट हाऊस के नेता पैबलो रोडरीगुएज ने कहा कि यदि यह बिल पारित नहीं हो पाता है तो इसका अर्थ होगा कि सरकार को मिल रहा समर्थन समाप्त हो गया हैं और सरकार गिर सकती हैं। वहीं दूसरी ओर एनडीपी का कहना है कि वह इस बिल के लिए समर्थन दे सकते हैं, परंतु इसमें दो प्रमुख बदलाव करने होगें तभी वे इस बिल के लिए अपना समर्थन दे सकते हैं। रोजगार मंत्री कारला क्वालट्रो ने बताया कि नए मानकों को जोड़ने का अर्थ होगा कि बिल में अतिरिक्त 34 बिलीयन डॉलर की बढ़ोत्तरी परंतु अभी फिलहाल इस बिल में केवल कोविड-19 से संबंधित कार्यों के लिए 17 बिलीयन डॉलर का प्रावधान हैं। सूत्रों के अनुसार एनडीपी इस बिल को अनिच्छा के साथ समर्थन दे सकती हैं, परंतु उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि इसके लिए सीईआरबी में उचित व्यवस्था का प्रावधान हो, जिसका सीधा लाभ बेरोजगार युवाओं को मिले। जानकारों के अनुसार यह भी माना जा रहा है कि वी चैरिटी विवाद के पश्चात प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो द्वारा संसद सत्र को टालने की घोषणा इसी संबंध में हो सकती हैं, जब उन्हें यह लग रहा हो कि यदि इस समय वह संसद सत्र बुलाते है और किसी भी बिल को संसद में पेश करते है तो वह पारित नहीं हो पाएंगा और उनकी सरकार गिर सकती हैं, इसलिए उन्होंने परिस्थितियां सुधरने का इंतजार किया और अब भी अल्पकाल सत्र का आयोजन किया जिससे वह महामारी काल के अंतर्गत अपनी सरकार को बचाते हुए कल्याणकारी बिलों को पारित करवा सके। गौरतलब है कि वी चैरिटी विवाद में प्रधानमंत्री स्वयं व वित्तमंत्री बिल मॉरन्यू के ऊपर घोटाले का आरोप लगाए गए थे, जिसकी जांच अभी भी चल रही हैं।
संसद में कंसरवेटिवस नेता लगातार इस बिल के अल्पकाल प्रक्रिया पर सवाल उठाते रहे और उनका मानना था कि इस प्रकार से सांसदों के अधिकारों का हनन सरकार के लिए अनुचित है, कोरोना काल में भी संसद की कार्यवाही उचित प्रकार से हो सकती हैं जिसके लिए योजना को प्रारुप देने की आवश्यकता हैं। कंसरवेटिव नेता बैरेट ने यह भी कहा कि वर्तमान सत्र में लिबरलस द्वारा कई संसदीय नियमों का उल्लंघन किया जा रहा हैं जिसके लिए उन्हें अवश्य ही जवाब देना होगा। वहीं इन सवालों के जवाब में लिबरलस का कहना है कि कोरोना काल में भी विपक्ष राजनीति कर रहा हैं और जनता की भलाई के लिए पारित होने वाले बिलों में अड़चने पैदा कर रहा हैं जोकि गलत हैं, विपक्ष को समझना चाहिए कि इस समय स्वयं की सुरक्षा के साथ साथ संसदीय कार्यों को आगे बढ़ाना होगा, यदि बहस आदि में समय व्यतीत करते है तो इससे धन और समय दोनों की बर्बादी सुनिश्चित हैं। जिसके लिए जनता कभी भी उन्हें क्षमा नहीं करेगी।

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