जॉन टोरी के स्मार्ट ट्रैक योजना में पुन: बदलाव किया गया
- भविष्य के लिए इस लाईन पर चर्चा के लिए सिटी में आयोजित होगी बैठक - नई रिपोर्ट के अनुसार एक बार फिर से स्मार्ट ट्रैक के स्टेशनों को कम करने की योजना बनाई जा सकती है
टोरंटो। मेयर जॉन टोरी की कार्यकारी कमेटी ने अपनी आगामी चर्चा के विषय में मीडिया को बताते हुए माना कि मेयर की महत्वाकांशी स्मार्ट ट्रैक योजना में एक बार फिर से बदलाव का समय आ गया हैं, मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इस बार इसके दो स्टेशनों में कमी करने के प्रस्ताव को पारित किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार इन दो स्टेशनों को इसलिए भी हटाया गया क्योंकि फोर्ड सरकार की परिवहन नीतियों के अंतर्गत इन दोनों स्टेशनों के निकट अन्य साधनों को मंजूरी दे दी गई हैं, जिससे एक ही स्थान पर कई टर्मिनल बनने से ऊहा-पोह बना रहता हैं। टोरी इस प्रस्तावना पर वर्ष 2014 से कार्य कर रहे हैं, जिसे 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था और इसमें 22 स्टेशनों को मंजूरी दी गई थी। लेकिन नई रिपोर्ट में यह स्पष्ट कहा गया कि अब इस योजना को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा हैं, इस योजना में अब संभावित लागत 1.463 बिलीयन डॉलर आंकी गई हैं। ज्ञात हो कि इस बार के स्मार्ट ट्रैक योजना से लॉरेन्स एवैन्यू ईस्ट और कैनेडी रोड स्टेशनों को हटाने का प्रावधान रखा गया हैं जिसे जल्द ही योजना के प्रारुप से हटा दिया जाएगा। इसके अलावा प्रस्तावित स्कारबरो सबवे विस्तार पर कार्य किया जाएगा।
स्कारबरो निवासियों को अभी और इंतजार करना होगा : जमाल मेयरस
मेयरस ने इस बात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि स्मार्ट ट्रैक की योजना में बार-बार परिवर्तन से लोगों की असुविधाएं बढ़ती जा रही हैं जोकि एक चिंता का विषय हैं। उन्होंने बताया कि पिछले कई वर्षों से हजारों लोग स्कारबरो परिवहन के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं और परिवहन में विकास के लिए आशावान हैं। मेयरस ने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में जनसंख्या के अनुसार अभी तक परिवहन के साधनों को उतना अधिक प्रसारित नहीं किया जा सका हैं। इससे पूर्व 4.4 बिलीयन डॉलर की एलआरटी योजना को भी अभी तक पूरा नहीं किया जा सका हैं।
नए परिवर्तनों की आवश्यकता क्यों हुई?
जानकारों का मानना है कि मौजूदा परिवहन निर्माण में परिवर्तनों की आवश्यकता क्यों हो रही हैं, जबकि निगम व सरकारों को योजनाओं को शीघ्र ही पूरा करने की योजना को कार्यन्वित करना चाहिए। प्रस्तावों में बार-बार परिवर्तन करने से ही उसमें अधिक विलंभ होता है और इससे लागतों का बोझ भी आम आदमी पर पड़ता हैं।
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