संसद सत्र में राष्ट्रीय वैक्सीन वितरण पर होगी चर्चा

औटवा। सोमवार को हाइबर्ड माध्यम के आधार पर आयोजित संसद सत्र का आरंभ हुआ, जिसमें यह देखा गया कि अधिकतर सीटें खाली थी। लेकिन विपक्ष अपनी पूरी तैयारी के साथ राष्ट्रीय वैक्सीन के वितरण में चर्चा करने के मूड में दिखा। ज्ञात हो कि इस सत्तापक्ष का मानना था कि इस बार कोविड-19 के कारण विंटर वकेशन को थोड़ा और बढ़ाते हुए इस बार का सत्र आज ही समाप्त कर दें। इसके लिए प्रमुख पार्टियों के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री स्वयं ने भी इस सत्र में भाग लेने के लिए वर्चुअल माध्यमों का सहारा लिया। ये मंत्री अपने घरों या घर पर स्थित कार्यालयों से ही चर्चा में भाग ले रहे थे। ऑनलाईन अधिवेशन के दौरान कई बार मंत्रियों को स्पीकर एंथॉनी रोटा ने अपनी भाषाओं में बात करने से टोका, जिसके कारण उन्हें अपने यंत्रों को भी म्यूट करना पड़ा। इस बार आयोजित सत्र में उस बारे में भी चर्चा हो सकती है कि पिछले दिनों कोविड-19 प्रकोप पर सरकार की आगामी योजनाएं क्या हैं जिसके कारण 19,000 कैनेडियनस की मृत्यु हो गई है। इसके अलवा देश में फाइजर बायोनटेक वैक्सीन की कमी पर भी उचित बहस होने की संभावना हैं, विपक्ष का मानना है कि सरकार द्वारा निर्धारित वैक्सीन वितरण प्रणालियों में भी बहुत अधिक खामियां हैं जिसके कारण आम जनता को खामियों का सामना करना पड़ रहा है। विपक्ष इस बारे में पूर्ण साक्ष्यों के साथ इस सत्र में भाग ले रही हैं, उनका मानना है कि 2 मिलीयन डोजस के पश्चात आगामी योजना पर अभी तक कोई भी अधिकारिक घोषणा क्यों नहीं की गई है। प्रापण मंत्री अनीता आनंद ने स्वयं अपने संबोधन में कहा कि उनके 90 वर्षीय पिता को भी अभी तक वैक्सीन नहीं लग सका हैं और इसके लिए वह प्रतीक्षा सूची में हैं, जिससे यह प्रमाणित हो रहा है कि देश में वैक्सीन का दबाव कितना अधिक बना हुआ हैं, इसलिए विपक्ष चारों ओर सरकार को इस वितरण योजनाओं को लेकर घेरने के मूड में हैं। एनडीपी प्रमुख जगमीत सिंह का भी कहना है कि वे भी सरकार से वैक्सीन को अधिक से अधिक प्रोत्साहन पर गहन चर्चा के पक्ष में जिससे आम नागरिकों तक जल्द ही इसकी आपूर्ति को पुख्ता किया जा सके। इसके अलावा आगामी बजट के लिए भी वित्तमंत्री की भावी योजनाओं पर भी गहन चर्चा की आशा जताई जा रही हैं।

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