सीनेट में पारित हुआ संशोधित सहायक-मृत्यु बिल
औटवा। बुधवार को गहन एक दिवसीय चर्चा के पश्चात सीनेटरों ने मेडिकल सहायक मृत्यु बिल को पारित करने के लिए अपनी अनुमति जाहिर कर दी है। ज्ञात हो कि बिल सी-7 का रिवाईज वर्जन सीनेट के सामने पेश किया गया जिसे 66-19 के मतदान द्वारा पारित कर दिया गया। इस बिल के पारित होने के पश्चात जिस पीड़ित की जीने की सभी उम्मीदें समाप्त हो जाएंगी और वह अपनी पीड़ा से अत्यधिक परेशान हो जाएगा उसे चिकित्सीय सहायता से मृत्यु द्वारा मुक्ति देने का प्रावधान को अनुमति दे दी जाएंगी। गौरतलब है कि वर्ष 2019 में इस बिल के विरोध में क्यूबेक सुपीरीयर कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी जिसके पश्चात इसके पारित होने पर रोक लगा दी गई थी, जिसके पश्चात इसके संशोधित रुप को पेश किया गया जोकि सीनेट में पारित कर दिया गया। पहले हुई सहमति के आधार पर डॉक्टर मरीज को ऐसी दवाइयां देता है जिन्हें खाकर आत्महत्या की जा सकती है। यह तरीका नीदरलैंड, बेल्जियम, स्विट्ज़रलैंड और अमेरिका के ओरेगन राज्य में वैद्य है। अमेरिकी महिला टेरी शियावो के मामले ने इस मुद्दे को गरमा दिया था, 41 साल की टेरी शियावो पिछले साल चल बसीं। फ़्लोरिडा की इस महिला को 1990 में दिल का दौरा पड़ा था। उनका दिमाग तब से मौत आने तक सुन्न ही रहा। टेरी की जीवन-मृत्यु को लेकर सात साल तक कानूनी लड़ाई चली थी। टेरी के पति चाहते थे कि उनकी पत्नी त्रासदायी जीवन से मुक्ति पाकर मौत की गोद में आराम करे. लेकिन टेरी के माता-पिता अपनी बेटी को जीवित रखना चाहते थे। आखिरकार टेरी के पति को अदालत से मंज़ूरी मिल गई। इसके बाद टेरी की आहार नली को हटा लिया गया था। सरकार को अपने इस मिशन में लगभग 18 माह पश्चात सफलता मिली, जिसके लिए अभी भी उन्हें कई प्रकार की जानकारियों को सार्वजनिक करना होगा उसके पश्चात ही इसे पूर्णत: मंजूरी मिलने की आशा जताई जा रही हैं। वहीं इस वर्ष लिबरल सरकार अल्पमत में हैं, उन्हें इस बिल को पारित करवाने के लिए विपक्ष का समर्थन चाहिए जोकि एक बड़ी चुनौती होगी जिसे पार करना लिबरलस के लिए भारी सफलता माना जा सकता हैं।
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