केंद्र की अनिवार्य क्वरंटीन होटल पॉलिसी को सीसीएफ ने दी कानूनी चुनौती

टोरंटो। संवैधानिक अधिकारों के समर्थक ग्रुप सीसीएफ ने सरकार के उस निर्णय को कानूनी चुनौती देते हुए एक याचिका कोर्ट में दाखिल करवाई है, जिसमें कोर्ट से इस पॉलिसी को समाप्त करने की अपील की गई हैं। इस याचिका में सरकार के बिना किसी योजनाबद्ध तरीके से इस पॉलिसी को जनता पर थोपने का भी आरोप लगाया गया, ज्ञात हो कि गत 14 फरवरी को केंद्र की लिबरल सरकार ने कैनेडा में प्रवेश के लिए अनिवार्य क्वरंटीन होटल पॉलिसी लागू कर दी थी, जिसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति जो विदेश से कैनेडा में आता है तो उसे अवश्य रुप से अपने खर्चे पर कम से कम तीन दिन तक किसी भी होटल में क्वरंटीन होना होगा, जिसके पश्चात ही उसे कैनेडा में वांछित स्थान पर जाने की अनुमति होगी। परंतु याचिका कर्त्ताओं का दावां है कि सरकार की इस अनिवार्य पॉलिसी का कैनेडा आने वाले प्रवासियों और स्वदेशियों पर बहुत बुरा प्रभाव हो रहा हैं। एक ओर तो उन्हें लंबी प्रतीक्षा का सामना करना पड़ रहा हैं वहीं दूसरी ओर होटलस अपनी मनमाने रेंटस वसूल रहे हैं और आवास में भी यात्रियों को कुप्रबंधन का सामना करना पड़ रहा हैं। केंद्र सरकार का दावां था कि इस पॉलिसी के पश्चात कोविड-19 के केसों में नियंत्रण आ सकेगा और विशेष रुप से नए वैरिएंटस की पहचान आसानी से हो सकेगी और संक्रमित को देश में प्रवेश से पूर्व ही अलग कर लिया जाएंगा, परंतु कुप्रबंधन के कारण ऐसा होना संभव नहीं हो पा रहा हैं, जिस कारण से इस पॉलिसी को तुरंत ही निरस्त किया जाएं और टेस्टींग सुविधाओं को ही अधिक आधुनिकता के साथ लागू किया जाएं। जिससे आंगतुकों का समय और धन दोनों ही बच सके। आवेदन में ऐसे कई उदाहरण भी प्रमाणित किए गए हैं जिससे लोगों से अधिक किराया वसूलने की स्पष्टता साबित हुई हैं। सीसीएफ नामक इस संस्था ने अपने आवेदन में यह भी कहा कि इससे पर्यटन उद्योग पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा हैं और दुनिया के कई देशों ने अपने नागरिकों को कैनेडा में नहीं जाने की सलाह जारी की हैं, सरकार की इस पॉलिसी से स्वयं कैनेडियनस भी परेशान हो रहे हैं जिन बातों पर गौर करते हुए इसे जल्द से जल्द निरस्त करने के आदेश जारी करने चाहिए।

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