कोविड-19 के कारण पूरे ओंटेरियो में वर्चुअली पढ़ाई आरंभ
टोरंटो। स्प्रिंग ब्रैक से लौटे छात्र एक बार फिर से अपनी कक्षाओं में लौट आएं, परंतु इस बार सभी स्कूलों में ऑनलाईन पढ़ाई माध्यम से ही पढ़ाई करवाने पर जोर दिया गया हैं। राज्य सरकार ने अपने पिछले बयान में यह स्पष्ट कहा था कि कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि आगामी पढ़ाई पूर्ण रुप से वर्चुअल होगी। ओंटेरियो में इस समय स्टे-एट-होम आदेश लागू हैं, जिससे केवल अति महत्वपूर्ण सेवाओं को ही राज्य में करने के आदेश लागू किए गए हैं। इस बार राज्य में परिवहन सेवाओं, चिकित्सा कल्याण, राजनैतिक महत्वपूर्ण कार्यों को करने के लिए ही आवागमन की सुविधा है। यदि राज्य में तीसरे लॉकडाऊन की घोषणा करनी पड़ी और इसके लिए कुछ सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं की मदद से सरकार इस महामारी काल में आर्थिक मजबूती के कई अच्छे कार्य भी कर रही ंहैं जिससे राज्य में वित्तीय संकट और अधिक गहरा न हो सके। पील प्रांत में स्कूलों को बंद करने का फैसला सुनिश्चित करते हुए पील प्रांत के चिकित्सा अधिकारी डॉ. लॉरेन्स लोह ने कहा कि अधिनियम 22 के अंतर्गत यह निर्णय लेना हमारा अंतिम चयन हैं, क्योंकि इस समय और अधिक समय तक छात्रों को घरों से बाहर रखना अनुचित होगा और इस कारण से कोविड-19 के नियंत्रण में भी कोई सुधार नहीं देखा जा रहा था, इसलिए एक बार फिर से बच्चों को पूर्णत: रिमोट लर्निंग को अपनाने के लिए अग्रसर किया जाएगा, गत 6 अप्रैल से ब्रैम्पटन, कालेडन और मिसिसॉगा आदि के सभी स्कूलों को बंद करने की घोषणा कर दी गई हैं और आगमी बसंत ऋतु अवकाश तक ऑनलाईन शिक्षा माध्यम को अपनाने के लिए नया नोटिस भी जारी कर दिया गया हैं। ज्ञात हो कि कुछ समय पूर्व शिक्षा मंत्री स्टीफन लीस ने भी यह बात मानी थी कि जल्द ही ऑनलाईन शिक्षा सत्र आरंभ करने की मजबूरी हो सकती हैं, इसलिए उन्होंने सभी से सावधानी बरतने की सलाह दी थी, परंतु ऐसा हो नहीं पाया और देश में कोविड-19 नियंत्रित होने के स्थान पर और अधिक बढ़ गया। लोह का यह भी कहना था कि इस वर्ष भी यह नहीं लग रहा कि जल्द ही स्थितियां सामान्य हो सकेगी जिसके कारण अभिभावकों की परेशानियां और अधिक बढ़ सकती हैं, इस प्रकार के पाठ्यक्रमों को रुचि बनाने से ही इसका वास्तविक लाभ लोगों को मिल सकेगा। शिक्षाविदें का भी मानना है कि स्कूल प्रशासन को भी अपनी गतिविधियों में कुछ नए प्रयोगों को शामिल करना चाहिए जिससे बच्चों को पढ़ाई के प्रति उदासीनता को खत्म किया जा सके और वे रुचि के साथ इस नई तकनीक से जुड़ सके और अपने सत्र को पूरा करते हुए इन समस्याओं से स्कूलों और अभिभावकों को भी मुक्त करें।
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