कोवैक्स सम्मेलन में कैनेडा ने अपनी वित्तीय भागीदारी को किया डबल

- परंतु इस सम्मेलन में किसी भी प्रकार के डोनेटिंग डोजस पर कोई भी घोषणा नहीं हुई

औटवा। अंतरराष्ट्रीय विकास मंत्री करीना गाउल्ड ने बताया कि कैनेडा ने वैश्विक वैक्सीन सहभागिता में अपनी वित्तीय भागीदारी को दोगुना करने की घोषणा कर दी हैं, इस सम्मेलन को ही कोवैक्स का नाम दिया गया। लेकिन इस सम्मेलन में इस बात पर सहमति नहीं बन पाई कि वैक्सीन निर्माता कोई भी देश अन्य देशों को वैक्सीन दान में देगा। कोवैक्स सम्मेलन का आयोजन जापान में किया गया, जहां एक दर्जन देशों ने मिलकर इस बात पर एकमत सहमति बनाई कि अगले एक वर्ष में अपने-अपने देशों में वैक्सीन की आपूर्ति को पूरा करके महामारी को समाप्त किया जाएं। इसके लिए कोई भी वैक्सीन निर्माता देश अन्य देशों को वैक्सीन अनुदान में देगा इस बात पर कोई भी सहमति नहीं बन पाई। देशों का मानना है कि वैक्सीन निर्माण के लिए फिलहाल बहुत अधिक धन खर्च हो रहा हैं और इस समय वैक्सीन के डोनेशन की घोषणा करके और अधिक धन का बोझ नहीं उठा सकते। गाउल्ड ने यह भी बताया कि कैनेडा ने इस सम्मेलन में अपनी वित्तीय सहभागिता को कोवैक्स सम्मेलन में 220 मिलीयन डॉलर से बढ़ाकर 440 मिलीयन डॉलर कर दिया हैं। कैनेडा ने भी अपनी पूर्व घोषणा में भी यह स्वीकारा था कि यदि आवश्यकता पड़ी तो कैनेडा अपना वित्तीय भाग अवश्य बढ़ायेगा जिससे दुनिया को वैक्सीन की आपूर्ति में कोई बाधा नहीं आएं। कोवैक्स में यह भी निर्णय लिया गया कि जल्द ही ऐसे वैक्सीन का निर्माण होगा जिससे एक बार में 100 लोगों को एक बार में वैक्सीनेट किया जा सके, जिससे वैक्सीनेशन प्रक्रिया में तेजी आएंगी और दुनिया को जल्द ही महामारी से छुटकारा मिल सकेंगा। कोवैक्स सम्मेलन में इस बात की पुष्टि हुई कि भारत का सीरम संस्थान इसकी बहुत बड़ी आपूर्तिकर्त्ता कंपनी हैं परंतु इस समय भारत स्वयं कोविड-19 की तीसरी लहर का बहुत कठिनाई से सामना कर रहा हैं, इसलिए देशों को अपनी आवश्यकता के लिए स्वयं प्रयास तेज करने होगें और इसके उत्तम प्रतिफल प्रस्तुत करने होंगे।

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