काउसेस फर्स्ट नेशन पहुंचे प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो

- पिछले माह इस क्षेत्र में स्थित एक पुराने स्कूल परिसर से गैर-चिन्हित 751 कब्रें मिलने से पूरे देश में हड़कंप मच गया था - सासकेटचवान फर्स्ट नेशन में स्थापित होने वाले बाल-कल्याण अनुबंध की अगुवाई स्वयं प्रधानमंत्री करेंगे

सासकेटचवान — गत दिवस प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो काउसेस फर्स्ट नेशन पहुंचे, इस मौके पर अधिक जानकारी देते हुए पीएमओ के प्रमुख कैडमस डेलोरम ने अपने ट्विटर संदेश पर बताया कि प्रधानमंत्री और सासकेटचवान प्रीमियर स्कॉट मू इस घटना से संबंधित समुदाय के बच्चों के कल्याण हेतु एक संस्था बनाई जाएंगी, लेकिन उन्होंने अभी तक इसकी कोई भी अधिकारिक घोषणा नहीं की गई हैं। ज्ञात हो कि फर्स्ट नेशन एक ऐसा ग्रुप है जो देश में सभी आदिवासी समुदायों के कल्याण हेतु किए गए कार्यों में उल्लेखनीय कार्य कर रहा हैं। यह संघ ऐसा कार्य करना चाहती हैं जिससे संबंधित सभी परिवार अपने बच्चों का पालन-पोषण स्वयं कर सके और किसी भी सरकार पर पूर्ण रुप से निर्भर न हो। देश में ऐसे 74 सासकेटचवान फर्स्ट नेशनस कार्यरत हैं जिनके लिए सरकार ने 360 मिलीयन डॉलर की घोषणा की हैं और बताया कि अगले पांच वर्षों में इस धन का निवेश आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए प्रयोग किया जाएंगा। गौरतलब है कि पिछले माह काउसेस स्थित एक पूर्व आवासीय स्कूल परिसर में अचिन्हित 751 कब्रें मिली थी, जिसके कारणों का पता लगाने के लिए एक टीम सुनिश्चित कर दी गई हैं।
अपने कैनेडा डे संदेश में प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो ने कहा कि देश में 751 गैर-चिन्हित कब्रों का मिलना बहुत अधिक भयावह हैं, यह घटना इस बात का प्रमाण है कि हमारा इतिहास कितना असफल और अन्याय पूर्ण रहा होगा जिसके लिए हम सब उन सभी निर्दोष बच्चों के परिजनों के गुनाहगार हैं और जीवन भर क्षमाप्रार्थी रहेंगे। जानकारों के अनुसार कैनेडा के मूल निवासी नेताओं के समूहों ने आगे कहा कि जांचकर्ताओं को उनके समुदाय के बच्चों के लिए पूर्व में बने एक आवासीय स्कूल में 751 से अधिक कब्र मिली हैं। इससे पहले पिछले महीने एक अन्य स्कूल से 215 शव मिलने की खबर आयी थी। ये शव ‘मैरिएवल इंडियन रेजीडेंशियल स्कूल से मिले, जो 1899 से 1997 तक चालू था जहां सस्केचेवान की राजधानी रेजिना से 135 किलोमीटर दूर काउसेस फर्स्ट नेशन स्थित है। काउसेस कैनेडा का एक मूल निवासी समुदाय है। काउसेस के प्रमुख कैडमस डेलोर्म ने बताया कि जमीन के अंदर की वस्तुओं का पता लगाने वाले रडार से मालूम चला है कि इलाके में कम से कम 751 शव दफन किए गए। रडार के संचालकों ने बताया कि इसके नतीजों में 10 प्रतिशत का अंतर हो सकता है। डेलोर्म ने कहा,”हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि जब हम आपको पूरी बात बताए तो वास्तविक संख्या से ज्यादा संख्या दिखाने की कोशिश न करें। मैं कहना चाहूंगा कि 751 से ज्यादा शव होने की आशंका है’। उन्होंने बताया कि तलाश चल रही है और आने वाले हफ्तों में संख्याओं की पुष्टि की जाएगी। डेलोर्म ने बताया कि एक वक्त में कब्रों पर नाम लिखे गए थे लेकिन इस स्कूल का संचालन करने वाले रोमन कैथोलिक गिरजाघर ने इन्हें हटा दिया।

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