कैनेडा अन्य देशों को 17.7 मिलियन एस्ट्राजेनेका वैक्सीन दान करेगा
- केंद्रीय प्रोक्योरमेंट मंत्री अनीता आनंद के मुताबिक कैनेडा ने यूनिसेफ के साथ मिलकर एक जागरुकता अभियान चलाया हैं जिसमें अधिक से अधिक कैनेडियनस को इससे जोड़कर धन एकत्र करने की बात को स्वीकारा हैं।
औटवा। कैनेडा ने निम्न और मध्यम आय वाले देशों को एस्ट्राजेनेका कोरोनावायरस वैक्सीन की 17.7 मिलियन खुराक दान करने की घोषणा की है। पत्रकारों को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, सरकार की एडवांस परचेज मंत्री अनीता आनंद ने कहा कि वैक्सीन की खुराक कंपनी के साथ कैनेडा सरकार के अग्रिम खरीद समझौते का एक हिस्सा है और इसे कोवैक्स के माध्यम से वितरित किया जाएगा। कोवैक्स एक वैश्विक वैक्सीन-साझाकरण पहल है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन, गठबंधन फॉर एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन और गावी, वैक्सीन एलायंस द्वारा संयुक्त रूप से समन्वित किया गया है। आनंद ने कहा यह दान हमारे शुरूआती अनुबंधों में करोड़ों कोविड टीकों को हासिल करने के लिए हमारे सक्रिय दृष्टिकोण का परिणाम है। कैनेडा में करीब 55 मिलियन टीकों के साथ, और इस टीके के लिए प्रांतों और क्षेत्रों की मांगों को पूरा करने के साथ, हम अब इन अतिरिक्त खुराकों को दान करने की स्थिति में हैं। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि वह यूनिसेफ के साथ एक दान-मिलान धन उगाहने वाले अभियान पर साझेदारी कर रही है जिससे कैनेडियनस को सी डॉलर 10 का योगदान करके टीके की खुराक दान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। यह अभियान छह सितंबर तक चलेगा। आनंद ने कहा कि अगर यूनिसेफ अभियान को अधिकतम किया जाता है, तो यह उन देशों में 40 लाख लोगों को टीकाकरण के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराएगा जहां टीकाकरण अभियान मांग को पूरा करने के लिए लोग संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एस्ट्राजेनेका की खुराक सरकार द्वारा कंपनी के साथ किए गए अग्रिम खरीद समझौते से आ रही है और ये खुराक, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में निर्मित की जाएगी, आने वाले हफ्तों में कोवैक्स की सप्लाई होने लगेगी। कैनेडा की सार्वजनिक स्वास्थ्य एजेंसी और टीकाकरण पर राष्ट्रीय सलाहकार समिति ने एस्ट्राजेनेका के उत्पाद पर मॉडर्ना या फाइजर जैसे एमआरएनए टीकों की अनुशंसा की है। यह सिफारिश सबूतों के मद्देनजर की गई थी कि, दुर्लभ मामलों में, एस्ट्राजेनेका टीका कुछ लोगों में संभावित घातक रक्त के थक्के का कारण बन सकती है। गौरतलब है कि कैनेडा ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के गावी संगठन को कोरोना वैक्सीन की 1.70 करोड़ वैक्सीन की खुराक दान में देने की घोषणा की है। इससे उन देशो में वैक्सीनेशन में मदद मिलेगी जहां पर वैक्सीन की कम खुराक मुहैया की जा सकी हैं।
आपको बता दें कि महामारी की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वैक्घ्सीन के न्यायपूर्ण वितरण के लिए गावी संगठन (वैक्सीन एलाइंस) का गठन किया था। इसके तहत संगठन ने कोवैक्स योजना को लागू किया गया था। इसका मकसद उन देशों में वैक्सीनेशन की शुरुआत को मदद करना था जो अपने बूते वैक्सीन की खरीद नहीं कर सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य सगंठन के मुताबिक अब तक दुनिया के 150 से अधिक देश इस योजना के तहत वैक्सीन पा चुके हैं। अनीता ने प्रेस कांफ्रेस में बताया कि कैनेडा की इस मदद के जरिए लाखों लोगों को कोविड-19 वैक्सीन की खुराक मिल सकेगी। उन्होंने ये भी बताया कि कैनेडा में करीब साढ़े पांच करोड़ कोरोना वैक्घ्सीन की खुराक फिलहाल मौजूद है और देश के सभी राज्यों प्रांतों में इसकी पूरी उपलब्धता मौजूद है। यही वजह है कि कैनेडा अब इस स्थिति में है कि बची हुई कोरोना वैक्घ्सीन की खुराक को दान कर दूसरे देशों की मदद कर सकता है। इसलिए ये फैसला लिया गया है। अनीता के मुताबिक कैनेडा ने यूनिसेफ के साथ मिलकर कैनेडा के नागरिकों को अधिक से अधिक धन दान में देने के लिए एक जागरुकता अभियान भी चला रहा है। इसके जरिए एकत्रित किए गए धन से कोरोना वैक्सीन के अधिक उत्पादन और इसके तेजी से वितरण में मदद मिल सकेगी। नागरिकों से मिले दान को कैनेडियन सरकार के जरिए आगे दिया जा सकेगा। उनका ये भी कहना है कि ये कैंपेन सितंबर 2020 से ही चलाई जा रही है। इसमें यूनिसेफ के शामिल होने इतना धन एकत्रित किया जा सकेगा जिससे करीब 4 करोड़ लोगों को वैक्घ्सीन की खुराक दी जा सकती है। गौरतलब है कि कनाडा की पब्लिक हेल्घ्थ एजेंसी और नेशनल एडवाइजरी कमेटी ऑन इम्यूनाइजेशन ने एमआरएनए आधारित मॉर्डना और एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को इमरजेंसी में लगाने की मंजूरी दी हुई है।
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