विश्व की एक तिहाई महिलाएं अपनों के अत्याचार से पीडि़त
संयुक्त राष्ट्र, दुनियाभर में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की घटनाओं में कमी होती नहीं दिखती। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व की एक तिहाई से ज्यादा महिलाएं शारीरिक या यौन हिंसा की शिकार हैं, जिनमें से अधिकतर मामलों में उनके जीवनसाथी या करीबियों का हाथ होता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा लंदन स्कूल ऑफ हाइजिन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन और साउथ अफ्रीकन मेडिकल रिसर्च काउंसिल के सहयोग से कराए गए अध्ययन में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक शारीरिक और यौन हिंसा जनस्वास्थ्य से जुड़ी हुई समस्या है, जो विश्व की एक तिहाई से ज्यादा महिलाओं को प्रभावित करती है। वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा का आकलन नामक शीर्षक रिपोर्ट पति या अन्य के द्वारा महिलाओं के खिलाफ हिंसा का अपनी तरह का पहला अंतरराष्ट्रीय अध्ययन है। इसके मुताबिक करीब 35 फीसद महिलाएं अपने करीबी या बाहरी तत्वों की हिंसा का शिकार होती हैं। महिलाओं के लिए करीबी अथवा पति की हिंसा का सामना करना आम बात हो गई है। इस प्रकार की हिंसा से दुनियाभर की 30 फीसद महिलाएं पीडि़त हैं। यही नहीं 38 फीसद महिलाओं की हत्या के मामलों में उनके जीवनसाथी या करीबी का हाथ होता है।
डब्ल्यूएचओ की महानिदेशक मारग्रेट चैन ने कहा, अध्ययन के निष्कर्ष से यह साफ संदेश मिलता है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा एक वैश्विक समस्या है, जो महामारी के स्तर पर पहुंच चुकी है। हिंसा से पीडि़त होने वाली महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। हिंसा की शिकार महिलाओं के अवसाद से घिरने की आशंका सबसे ज्यादा होती है।
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