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अफगानिस्तान में अभी अफरा-तफरी का माहौल है। एयरपोर्ट पर हजारों हजार लोगों की भीड़ जमा है। अफगानिस्तान में रह रहे अपने नागरिकों को निकालने के लिए सभी देश युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। भारत ने भी अपने लोगों को निकालने की कोशिश शुरू कर दी है। शाम साढ़े 4 बजे भारतीय वायुसेना का C-17 ग्लोबमास्टर काबुल के लिए रवाना हुआ है जो किसी भी वक्त काबुल एयरपोर्ट पर लैंड कर सकता है। अपने लोगों को निकालने के लिए भारत सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है। दो दशक तक चले युद्ध के बाद अमेरिका के सैनिकों की पूर्ण वापसी से दो सप्ताह पहले तालिबान ने पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है। एक दो दिन में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बन जाएगी।

अफगानिस्तान के प्रेसिडेंट अशरफ गनी कल ही काबुल छोडकर ओमान चले गए। अफगानिस्तान की राजधानी समेत करीब-करीब हर बडे शहर में तालिबान के लडाके मौजूद हैं क्योंकि अमेरिका और इसके सहयोगियों द्वारा प्रशिक्षित अफगान सुरक्षाबलों ने घुटने टेक दिए। तालिबान का 1990 के दशक के अंत में देश पर कब्जा था और अब एक बार फिर उसका कब्जा हो गया है। अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए भीषण आतंकी हमलों के बाद वाशिंगटन ने ओसामा बिन लादेन और उसे शरण देने वाले तालिबान को सबक सिखाने के लिए धावा बोला तथा विद्रोहियों को सत्ता से अपदस्थ कर दिया।

News source : ndiatv.in

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