खाद्य सुरक्षा विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी
नई दिल्ली, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक-2013 को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक अब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम बन गया।
कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी बयान के मुताबिक राष्ट्रपति ने विधेयक को मंजूरी दे दी और इसे भारत के गजट के असाधारण, पार्ट-2, सेक्शन-1 में 10 सितंबर 2013 की तिथि पर 2013 के अधिनियम संख्या-20 के रूप में प्रकाशित किया गया है।
खाद्य सुरक्षा विधेयक देश की 1.2 अरब आबादी के करीब एक तिहाई हिस्से को अत्यंत रियायती दर पर खाद्यान्न मुहैया कराने के उद्देश्य से लाया गया है। इससे करीब 80 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। विधेयक के तहत लाभान्वितों को तीन रुपये प्रति किलो की दर पर गेंहू और दो रुपये प्रति किलो की दर से चावल तथा एक रुपये प्रति किलो की दर से मोटा अनाज मुहैया कराने की योजना है।
यह विधेयक कांग्रेस के 2009 के चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा है और इसे 2014 के आम चुनाव के लिहाज से खेल पलटने वाला माना जा रहा है।
लोकसभा में यह विधेयक 26 अगस्त को और रायसभा में 2 सितम्बर को पारित किया गया।
यह विधेयक पहली बार 2011 में संसद में पेश हुआ और उसके बाद यह एक वर्ष तक संसद की स्थायी समिति के पास रही। बाद में सरकार इसके लिए एक अध्यादेश लाई। संसद से पारित होने के बाद विधेयक उस अध्यादेश की जगह ले लेगा।
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