फ्रैंच डिबेट : वैक्सीन वितरण, चुनाव प्रबंधन पर आपस में भिड़े केंद्रीय नेता
औटवा। लगभग दो सप्ताह दूर मतदान के लिए देश में चुनावी सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं, बुधवार शाम को देश के प्रमुख मुद्दों पर केंद्रीय नेता आपस में भिड़े जिसके लिए इस बार वैक्सीनेशन अनिवार्यता, स्वास्थ्य कल्याण और चुनाव प्रबंधन रहे मुख्य मुद्दों में, आगामी 20 सितम्बर को होने वाले मतदान के लिए सभी पार्टी प्रमुख जनता को प्रभावित करने के लिए जी-तोड़ प्रयास कर रहे थे। दो घंटे की आयोजित इस चर्चा में इन नेताओं को अपने विचारों से लाखों कैनेडियनस को प्रभावित करने का कार्य करना था।
ज्ञात हो कि गुरुवार को अंग्रेजी भाषा की डिबेट का आयोजन होना हैं, वर्तमान चर्चा में लिबरल प्रमुख जस्टीन ट्रुडो, कंसरवेटिवस प्रमुख ओटूले, एनडीपी प्रमुख जगमीत सिंह, ब्लॉक क्यूबेकोईस प्रमुख व्यवेस – फ्रान्सकोईस ब्लानचेट और ग्रीन पार्टी प्रमुख एनामी पॉउ ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई, परंतु इस बार पीपुल्स पार्टी ऑफ कैनेडा के प्रमुख मैक्सीम बरनीयर ने इस चर्चा में निजी कारणों से भाग नहीं लिया। यह आयोजन पार्लियामेंट हिल के निकट गाटीन्यू क्यूबेक में म्युजियम ऑफ कैनेडियन हिस्ट्री पर हुआ। डिबेट के मॉडरेटर पैटराईस रॉय ने अपने संदेश में कहा कि यह चुनाव इस बात का प्रमाण है कि यदि सरकार अल्पमत में होती हैं तो इसका क्या परिणाम निकलता हैं। इस समय कैनेडियनस को ऐसा प्रतिनिाध चाहिए जो देश की अर्थव्यवस्था के साथ साथ उन कार्यों पर विशेष ध्यान दे जो कोविड संबंधी हो, अल्पमत सरकार कोई भी निर्णय स्वयं नहीं ले सकती थी उसके लिए उसे अन्य पार्टियों पर निर्भर होना पड़ता हैं इसलिए यह चुनाव आयोजित किए गए।
दो घंटे तक चलने वाली इस चर्चा में पार्टियां कोविड-19 रिकवरी, अफॉर्डेबीलटी , जलवायु, बेरोजगारी नियंत्रण आदि विषयों पर बातचीत कर सकती है। इस समय कैनेडियनस का मुख्य मकसद उसे चुनना होगा जो कोविड-19 प्रकोप के पश्चात देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से मजबूती दे सके जिससे रोजगार बढ़ेगा और महंगाई घटेगी, जिसके पश्चात ही सामान्य जनजीवन स्थिर हो सकेगा। एनडीपी प्रमुख जगमीत सिंह का कहना है कि ट्रुडो देश की कल्पना पर खरा नहीं उतर सके, इसलिए इस बार उन्हें समय से पूर्व ही अपना पद छोड़ना पड़ा और मध्यावधि चुनावों की घोषणा स्वयं ही करनी पड़ी। सिंह ने यह भी माना कि जनता अब उन्हें दोबारा मौका नहीं देगी।
एनडीपी ने माना कि उन्होंने भी प्रधानमंत्री के चुनावी वादों से प्रभावित होकर उन्हें अपना बाहरी समर्थन दिया था जिससे वर्तमान परिस्थितियों में लिबरल सरकार देश की बागड़ोर उचित प्रकार से संभाल सके, परंतु इस प्रकार से डील तोड़कर चुनावी आग में करदाताओं का धन फूंकना उचित नहीं, जगमीत सिंह ने अपने स्पष्टीकरण में यह भी कहा कि इस समय देश में बचत की रणनीतियों पर अधिक कार्य करने की आवश्यकता हैं। ज्ञात हो कि जगमीत सिंह द्वारा ओटूले के विरोध में कोई भी टिप्पणी नहीं करना, जानकारों को दूसरी ओर इशारा कर रहा हैं, उनका मानना है कि यदि इस बार कंसरवेटिवस को अल्पमत मिलता है तो एनडीपी अवश्य ही कंसरवेटिव को समर्थन देगी। जगमीत सिंह ने पत्रकारों को बताया कि जस्टीन ट्रुडो के साथ उन्होंने देश की बागड़ोर संभालने के लिए कई ऐसे विषयों पर भी चर्चा की, जो उनके दायरे में नहीं आते थे, परंतु ऐसा कुछ समझ नहीं आ रहा कि उन्होंने किस कारण से अल्पमत सरकार को समय से पूर्व भंग कर दिया।
ओटूले ने भी अपने संबोधन में सरकार की गन बैन नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह फैसला सरकार का गैर नीतिकरण का नतीजा हैं, इस निर्णय में सरकार केवल एक वर्ग को लाभ दिलाने की व्यवस्था कर रही थी, परंतु अब इस बात पर संभावना जताई जा रही हैं कि आगामी दिनो में सरकार के साथ साथ अन्य पार्टियां भी इस प्रकार के आयोजन द्वारा अपना प्रभाव जनता के सामने लाने का कार्य करें।
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