संयुक्त संसद के आयोजन से सांसदों को कोविड-19 के संक्रमण से बचाया जा सकेगा : एनडीपी
Organizing Joint Parliament will save MPs from infection of Kovid-19: NDP
औटवा। केंद्र सरकार के पूर्ण वैक्सीनेशन प्रोग्राम का जहां एनडीपी और ब्लॉक क्यूबेकोईस ने समर्थन दिया हैं वहीं कंसरवेटिवस इस बात पर अड़े हैं कि यह लिबरलस की सांसदों को संसदीय प्रक्रिया से दूर रखने की नई योजना हैं। कंसरवेटिवस का कहना है कि यह आवश्यक नहीं कि सभी सांसद पूर्ण वैक्सीनेट्ड हो और उनके साथ-साथ उनका स्टाफ, संसद में संबंधित बिजनेसमेन, आगंतुकों को भी इस आदेश के अंतर्गत पूर्ण वैक्सीनेट्ड होना चाहिए। कंसरवेटिवस प्रमुख ओटूले ने इस आदेश पर आपत्ति जताते हुए कहा कि टीकाकरण अवश्य होना चाहिए, इसके लिए वे भी प्रतिबद्ध हें, परंतु उसके लिए अनिवार्यता करना अनुचित होगा, टीकाकरण के पश्चात भी नियमों का पालन करना होगा, उसके स्थान पर पहले से ही सभी निर्देशों को उचित प्रकार से माने या टेस्ट की रिपोर्ट साथ में रखें जिससे आवश्यकतानुसार उसका उपयोग किया जा सके। परंतु टीकाकरण की अनिवार्यता रखने से समय पर सांसद की मौजूदगी संभव नहीं हो सकेगी। इस बारे में कुछ कंसरवेटिवस सांसदों ने अपनी एक निजी बैठक का भी आयोजन किया परंतु इसके पश्चात क्या निर्णय लिया गया, इस पर अभी भी संशय बना हुआ हैं। बरहाल, केंद्र सरकार के साथ-साथ एनडीपी और ब्लॉक क्यूबेकोईस ने इस निर्णय पर सहमति जताई है कि आगामी 22 नवम्बर से प्रारंभ होने वाला संसद सत्र 338 सांसदों के पूर्ण वैक्सीनेट्ड होनेे पर आरंभ होगा, यदि कोई सांसद इसमें पूर्ण वैक्सीनेट नहीं हैं तो उसे प्रवेश की अनुमति तब तक नहीं दी जाएंगी जब तक वह वैक्सीनेट्ड नहीं हो जाता। सूत्रों के अनुसार कंसरवेटिव पार्टी के केवल 79 सांसद ही पूर्ण वैक्सीनेट्ड हो सके हैं, परंतु एनडीपी का कहना है कि अभी भी समय हैं और आगामी बचे शेष दिनों में अन्य टोरीज भी वैक्सीन लगवा सकते हैं और संसद में अपनी प्रतिभागिता को सुनिश्चित कर सकते हैं। सरकारी आदेश की अवहेलना करने के लिए एक टोरी सांसद ने अपने ट्विटर पर हाऊस ऑफ कोमनस के भवन का चित्र लगाकर नीचे लिखा कि यहां संविधान खतरे में हैं, विचारों को खुलकर रखने से रोका जा रहा हैं। ऐसी संसद नहीं चाहता कैनेडियनस। एनडीपी प्रमुख जगमीत ङ्क्षसंह ने माना कि इस प्रकार के संदेशों से पीसी पार्टी केवल लोगों को भ्रमित कर रही हैं यह आदेश उनकी सुरक्षा के लिए ही हैं, इस प्रकार से सांसदों व अन्य संबंधितों को पूर्ण वैक्सीनेट होने पर ही प्रवेश देने के कारण कोविड-19 संक्रमण फैलने का डर कम हो जाएंगा, जिसके पश्चात संसदीय काम सुचारु रुप से किया जा सकेगा।
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