मेरे कार्यकाल में किसी भी आवासीय स्कूल में कोई भी समस्या सामने नहीं आई थी : जीन क्रेटीयन

टोरंटो। पूर्व प्रधानमंत्री जीन क्रेटीयन ने प्रख्यात रेडियो-कैनेडा टॉक शो में अपने विचार बताते हुए कहा कि जब वह देश में प्रधानमंत्री के पद पर थे तब तक उन्हें इस बात की कोई भी जानकारी नहीं थी कि देश के किसी भी आवासीय स्कूल में इस प्रकार की कोई घटना हुई हो। 87 वर्षीय क्रेटीयन ने बताया कि उन्होंने कैनडा में 1968 से 1974 तक सत्ता संभाली, तब तक इस प्रकार की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई थी कि देश के कई आवासीय स्कूलों में छोटे बच्चों को दफनाया गया हैं।

उन्होंने अपने साक्षात्कार में यह भी कहा कि उनके कार्यकाल में भी कई ऐसी घटनाएं अवश्य सुनने में आई थी कि आदिवासी समुदायों के युवा बच्चों को जबरन पढ़ाई के लिए दबाव बनाया जा रहा हैं। परंतु यह नहीं सोचा गया था कि इन बच्चों के साथ इतना बुरा व्यवहार या कार्य हो रहा हैं। क्रेटीयन ने यह भी माना कि उस समय देश में चुनिंदा कॉलेज होने के कारण आदिवासी समुदाय के युवाओं को कही-कहीं भेदभाव की नीतियों का भी सामना करना पड़ा था, जिसके लिए वह सदैव दु:खी रहें। लेकिन पिछले दिनों संबंधित बंद स्कूलों में 200 से अधिक बच्चों की अचिन्हित कब्रें मिलने से उन्हें बहुत बड़ा धक्का पहुंचा हैं। वर्ष 2015 की जांच के पश्चात इस प्रकार के मामले का प्रकाश में आना दु:खद था।

अपनी एक पुस्तक में उन्होंने क्वीन एलीजाबेथ से इस मामले पर क्षमा याचना करने के लिए भी कहा, परंतु उनकी बात को नहीं माना गया। आदिवासी समुदायों पर हुए अत्याचारों के लिए उन्होंने कहा कि यदि कोई दो वर्षों तक भी अपने घुटने के बल होकर क्षमा मांगे तो भी इस अपराध के लिए क्षमा नहीं किया जा सकता। यह घटना ढ़ीले प्रशासन का प्रमाण हैं जिसके लिए उन्हें बेहद अफसोस रहेगा।

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