नए बिलों को शीघ्र पारित करने के लिए सभी सांसदों को हाऊस ऑफ कोमन्स में उपस्थित रहने के लिए आदेश जारी
Order issued to all MPs to be present in House of Commons for speedy passage of new bills
औटवा। लगभग पांच माह के अवकाश के पश्चात एक बार फिर से संसद का आगाज हो गया और इस बार महामारी से बचने के लिए जहां सभी सांसदों को पूर्ण वैक्सीनेशन की अनिवार्यता का पालन करना होगा, वहीं समय-समय पर उपस्थित होकर सत्र में पेश किए बिलों पर भी शीघ्र चर्चा कर उन्हें पारित करने का भारी दबाव हैं। सूत्रों के अनुसार इस बारे में संसदीय नेता मार्क हौलेन्ड ने अपने संदेश में सांसदों से कहा कि महामारी काल में हुए भारी आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए और देश के व्यापार को बढ़ाने के लिए सीमित संसद सत्र में ही पारित करने होंगे कई बिल, इसलिए सभी की उपस्थिति अनिवार्य होगी।
वहीं लिबरल सरकार का भी मानना है कि इस बार अगले माह के मध्य तक चलने वाले संसद सत्र में उनके चुनावी वादों के अनुरुप कई बिलों को पारित करवा लिया जाएं, जिसमें से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए पेड सीक लीव, एलजीबीटीक्यू समुदाय के लिए संरक्षण थैरेपी के साथ-साथ सभी स्वास्थ्य कर्मियों के शोषण को आपराधिक कार्यों में शामिल करना आदि प्रमुख हैं। सरकार का यह भी कहना है कि इन विषयों पर उन्होंने पूर्ण तैयारी कर ली हैं और अब संसद में चर्चा के पश्चात अगले 10 दिनों में इन बिलों पर कार्यवाही की जा सकती हैं।
हौलेन्ड ने अपने संदेश में यह भी कहा कि उन्हें इस बात की प्रसन्नता है कि सभी पार्टियां इस बार जनता को ध्यान में रखते हुए कार्य करने पर सहमत हैं और सभी का दावां है कि इस बार संसद सत्र में केवल उन्हीं मुद्दों पर बहस होगी जिसका सीधा लाभ कैनेडियनस को जाता हैं, पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से इस बार दूर रहने का प्रयास करेंगी। एनडीपी प्रमुख जगमीत सिंह का भी कहना है कि इन विषयों पर उनकी लिबरल सरकार के मंत्रियों से चर्चा हो चुकी हैं और गहन संशोधनों के पश्चात इन बिलों को पारित करना ही उनका ध्येय रहेगा जिसके लिए संसदीय कार्यवाही में कोई बाधा नहीं डाली जाएंगी।
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