इस बार का ‘राष्ट्र के नाम संबोधन’ कहीं पिछली बार का दोहराव न हो?
Isn't this 'address to the nation' a repeat of the last time?
औटवा। प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो तीसरी बार संसद में राष्ट्र के नाम संबोधन को संचालित करेंगे। परंतु संसदीय सूत्रों के अनुसार यह माना जा रहा है कि अल्पमत लिबरल सरकार अपनी थ्रोन स्पीच में वहीं पुराने विषयों को शीर्घांकिंत करेंगी जिसे पिछली बार कहा गया था। लिबरल ने अपेन प्लेटफॉर्म में भी यहीं कहा था कि वह देश के विकास को सर्वप्रथम महत्व देंगे। सूत्रों ने यह भी बताया कि इस बार के आयोजित संदेश में बजट के संतुलन के साथ-साथ लोगों को अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध करवाना भी एक महत्वपूर्ण विषय होगा।
ज्ञात हो कि इस बार कैनेडा की गर्वनर जनरल बनी आदिवासी समुदाय की मैरी सीमॉन भी अपनी भूमिका से अन्य सांसदों पर अपना प्रभाव डालेंगी। सरकार का इस बार भी प्रमुख लक्ष्य महामारी काल से बाहर आने के लिए देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना होगा। महामारी काल के पश्चात देश की स्वास्थ्य समस्याओं को हल करना होगा, इसके अलावा अर्फोडेबल हॉऊसींग और जलवायु परिवर्तन आदि के लक्ष्यों को प्राप्त करना सरकार का अग्रणी कार्य होगा। इस बार केंद्र सरकार राज्यों में युवाओं को अपने लक्ष्य में शामिल करेगी, जिसके लिए मुख्य रुप से केंद्र सरकार की महत्वांकाक्षी योजना बाल कल्याण सिस्टम में बदलाव करके प्रति बच्चे को लाभ देते हुए 10 डॉलर प्रतिदिन एक लक्ष्य रखा हैं जिसे भी केंद्र सरकार जल्द ही पूरा करेंगी।
केंद्र सरकार का यह भी मानना है कि सरकार अपनी प्राथमिकताओं के लिए दूसरी पार्टियों को बहुत अधिक समय तक नहीं टालेगी, इसके लिए सबसे पहले अन्य पार्टियों की सहमति को जारी किया जाएगा और उसके बाद संसद में कोई भी बिल पास करवाया जाएगा। सरकार इस बार अन्य संभावित पार्टियों को चर्चा में शामिल करके हर बार एक मजबूत नियमावली तैयार करेंगे। सरकारी संसदीय नेता मार्क हौलेंड ने बताया कि आगामी 17 दिसम्बर को समाप्त होने वाले संसद सत्र में इस बार महत्वपूर्ण बिल अवश्य पारित हो जिससे रुका हुआ देश का विकास कार्य पुन: संचालित किया जा सके।
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