औटवा। प्रधानमंत्री जस्टीन ट्रुडो (Prime Minister Justin Trudeau) ने अपने ताजा संबोधन में कहा कि लिबरल की गठगबंधन सरकार चीन (China) की हर चुनौती का मिलकर मुकाबला करेगी और देश के प्रोत्साहन में किसी भी प्रकार की विदेशी दबाव को सहन नहीं किया जाएंगा। सूत्रों के अनुसार गत तीन वर्षों से दोनों माईकलों को सुरक्षित देश में वापस बुला लिया गया हैं, परंतु अभी भी दोनों कैनेडियन नागरिकों के समान अन्य घटनाओं के लिए भी चीन व्यापक कार्यवाही कर सकता हैं। ज्ञात हो कि चीन और अमेरिका (China and America) ने पिछले दिनों कई ऐसे प्रस्तावों पर मिलकर संयुक्त बयान जारी किए जिससे दोनों देशों ने प्रगाढ़ता का परिचय दिया।
गत वर्षों में अमेरिका, कैनेडा और चीन के मध्य चल रहे शीत युद्ध का अब अंत हो चुका हैं। जहां चीन ने अपने देश की प्रख्यात कंपनी हुवैई के सीईओ मेंग की गिरफ्तारी का बदला लेने के लिए दो कैनेडियनस नागरिकों को भी ठगी के आरोंप में गिरफ्तार कर लिया था। जिसके पश्चात दोनों देशों के मध्य बहुत बार राजनैतिक वार्ता तो हुई परंतु बार-बार यहीं कहकर मामले को टाला जा रहा था कि अभी जांच चल रही हैं और पूर्ण होने के बाद ही इन दो नागरिकों को छोड़ा जाएंगा। दिसम्बर 2018 में कैद किए इन कैदियों को वर्ष 2021 में छोड़ा गया, जिसके लिए भी कैनेडा को वैश्विक दबाव बनाना पड़ा और चीन से अपने सारे व्यापारिक संबंध तोड़ने पड़े, उसके पश्चात ही चीन को मजबूरी में इन कैदियों को छोड़ना पड़ा।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में यह भी कहा कि कोई भी देश किसी अन्य देश के मूल्यों का अपमान नहीं कर सकता, इसके लिए कैनेडा हमेशा वचनबद्ध रहेगा और अपने सर्व नागरिक समान भावना को सम्मान देते हुए गति प्रदान करेगा। कैनेडियन मूल्यों को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी देश के तथ्यों को स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसके लिए कैनेडा को हमेशा उन पहलुओं पर ध्यान देना होगा जिसके लिए चीन उन्हें दबाव में रखता था। ट्रुडो का यह भी मानना है कि कैनेडा को तकनीकी क्षेत्र में उन्नत विकास करना होगा जिसके पश्चात आगामी आधुनिक संसाधनों के लिए उन्हें चीन की सहायता की कोई आवश्यकता नहीं होगी, यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि 5जी तकनीक के लिए कैनेडा को चीन का सहयोग लेना ही होगा।
प्रधानमंत्री ने साझेदारी के नियमों का उदाहरण देते हुए कहा कि कोई भी साझेदारी तभी तक चलती हैं जब दोनों पक्ष समान गतिविधि कर रहे हो, न कि एक साझेदार दूसरे पर टिप्पणी करके उसे नीचा दिखाने का प्रयास करता हैं तो वह साझेदारी अधिक समय तक नहीं रह पाती। वहीं कोहन ने बताया कि गत नवम्बर में अमेरिकी सीनेट के भारी दबाव के कारण ही चीन ने दोनों कैनेडियनस को पूर्ण रुप से मुक्त कर दिया और उनके ऊपर लगाएं सभी आरोपों से भी उन्हें चेतावनी देकर बरी कर दिया।
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