केंद्र सरकार अभी भी ईरान में जेट सेवाओं को प्रतिबंधित रखें : पीड़ित परिवार

- यूक्रेन हवाई दुर्घटना के पीड़ित परिवारों ने घटना की दूसरी बरसी पर सरकार से की मांग कहा - अब न्याय हो

टोरंटो। दो वर्ष पूर्व हुई विमान दुर्घटना के पीड़ित परिवारों ने आयोजित एक शोक सभा में सरकार से अपील करते हुए कहा कि ईरान से उन्हें हर्जाने के साथ साथ न्याय भी चाहिए, इसके लिए न केवल दोषी अधिकारी पर कठोर कारावास की कार्यवाही का दबाव बनाएं और साथ साथ गत दो वर्षों से प्रतिबंधित हवाई सेवाओं को भी बरकरार रखें।

इस संस्था के प्रमुख हामीद ईशमेओलियन ने पत्रकारां को बताया कि अब राजनीति का अंत होगा और न्याय प्रक्रिया आरंभ होगी। उन्होंने अपने संदेश में स्पष्ट कहा कि दुनिया के कई देश ईरान के बचाव के लिए उनकी वित्तीय हालातों का उदाहरण दे रहें हैं, परंतु औटवा को अब कठोर बनना होगा और हमें न्याय दिलवाने के लिए न केवल हर्जाने की राशि वसूली जाएं अपितु दोषी अधिकारी पर कड़ी कानूनी कार्यवाही के लिए भी दबाव बनाया जाएं, इस बारे में अमेरिका द्वारा भी सार्थक मदद के लिए  कदम उठाने की पहल का भी स्वागत किया गया हैं। ज्ञात हो कि इस दुर्घटना में सबसे अधिक कैनेडियन नागरिकों की मौत हुई इसके कारण सबसे अधिक पीड़ित परिवार कैनेडियन ही हैं, इसलिए लोगों की भावनाओं को महत्व देते हुए जल्द से जल्द उचित कार्यवाही की जाएं।

गौरतलब है कि पिछले दिनों ओंटेरियो की एक अदालत ने कहा कि ईरान को उक्रेन के यात्री विमान को मार गिराने पर इस हमले में मारे गए छह कैनेडियन नागरिकों के स्वजनों को 107 मिलीयन डालर का हर्जाना भरना होगा। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020 में यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय उड़ान पीएस 752 को ईरान की सेना ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल से मार गिराया था, जिसमें विमान में सवार 176 लोग मारे गए थे। इनमें से सौ ईरानी पीड़ितों के पास कैनेडा की नागरिकता थी। इसके चलते ही पीड़ितों के कुछ परिवारों ने कैनेडियन नागरिक अदालत में ईरान पर मुकदमा ठोंक दिया था। पिछले साल ओंटेरियो सुपीरियर कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि ईरानी सेना के यूक्रेन के यात्री विमान को मार गिराना एक आतंकी घटना थी। इसलिए इन पीड़ित परिवारों को ईरानी की कानूनी छूट से मुक्त किया जाता है। और यह लोग अपने नुकसान के लिए ईरान से मुआवजा मांग सकते हैं। कैनेडियन अदालतों में दूसरे देशों पर सामान्यत: मुकदमा कायम करने की छूट नहीं होती है।

जस्टिस एडवर्ड बेलोबाबा ने इस मुकदमे के अपने फैसले में ना सिर्फ पीडित परिवारों को 107 मिलीयन डालर का हर्जाना देने को कहा है बल्कि हमले से अब तक के अंतराल पर ब्याज देने का भी फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा कि अदालत मानती है कि जो जानें गई हैं उसके मुकाबले में यह हर्जाना कुछ भी नहीं है। हालांकि फैसले में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि शिकायतकर्ता पीड़ित परिवारों को किस तरह से यह हर्जाना मुहैया कराया जाएगा। आखिरकार इस मामले में ईरानी सेना की जवाबदेही किस तरह से तय की जा सकेगी।

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